
देहरादून से खगेली गांव तक योग की गूंज: राष्ट्रपति की भागीदारी से लेकर ग्रामीण युवाओं की भूमिका तक, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 बना उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक
उत्तराखंड ने 21 जून 2025 को 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस अभूतपूर्व उत्साह, अनुशासन और आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ मनाया। इस वर्ष का आयोजन इसलिए भी विशेष रहा क्योंकि देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वयं देहरादून की पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया और योगाभ्यास कर देशवासियों को स्वास्थ्य और संतुलन का संदेश दिया।
🇮🇳 राष्ट्रपति ने योग कर दिया प्रेरणा का संदेश
देहरादून पुलिस लाइन में हुए मुख्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने भी सहभागिता की। उनके साथ सैकड़ों लोगों ने योग करते हुए इस प्राचीन परंपरा के साथ अपनी आस्था और प्रतिबद्धता दर्शाई। राष्ट्रपति की उपस्थिति ने कार्यक्रम को न केवल गरिमा प्रदान की बल्कि यह सिद्ध किया कि योग केवल स्वास्थ्य की नहीं, बल्कि राष्ट्र की एकता और सांस्कृतिक पहचान का भी आधार है।
📱 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संदेश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा:
“योग भारत की प्राचीनतम और गौरवशाली परंपरा का अमूल्य उपहार है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करता है बल्कि सकारात्मक दृष्टिकोण भी प्रदान करता है।”
उन्होंने आगे लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देवभूमि उत्तराखंड से निकला योग आज विश्वभर में अपनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों से अपील की कि वे योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और एक स्वस्थ एवं संतुलित समाज के निर्माण में सहभागी बनें।
🌄 जौलीग्रांट से डोईवाला तक, हर कोने में योग का उत्सव
जौलीग्रांट, भानियावाला, रानीपोखरी, और डोईवाला क्षेत्रों में योग दिवस को लेकर विशेष उत्साह देखा गया। तड़के सुबह से ही योग शिविरों में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। पुरुष, महिलाएं, बच्चे और वरिष्ठ नागरिक—सभी ने मिलकर योगाभ्यास किया और इस उत्सव को एक जनांदोलन का रूप दिया।
🌍 अंजलि कुंवर: उत्तराखंड की युवा योग गुरू बनीं वैश्विक प्रेरणा
कर्णप्रयाग के विकासखंड के खगेली गांव की अंजलि कुंवर (28) अब एक अंतरराष्ट्रीय योग शिक्षिका के रूप में पहचान बना चुकी हैं।
- अंजलि हर दिन 30 से अधिक विदेशी नागरिकों को ऑनलाइन योगाभ्यास कराती हैं।
- साथ ही भारत के विभिन्न राज्यों से 100+ लोग उनके अलग-अलग ऑनलाइन बैच में जुड़ते हैं।
- उनकी ऑनलाइन योगशाला से सिंगापुर, अमेरिका, कनाडा, लंदन, इंडोनेशिया जैसे देशों के लोग नियमित रूप से जुड़ रहे हैं।
अंजलि को विदेशों से प्रतिवर्ष ₹50,000 तक की छात्रवृत्ति भी मिल रही है, जो यह दर्शाता है कि उत्तराखंड के गांवों में भी छिपे हैं वैश्विक योग नेतृत्व के बीज। उत्तराखंड में मनाया गया 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस न केवल एक आयोजन, बल्कि स्वास्थ्य, अनुशासन, संस्कृति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का प्रतीक बन गया। राष्ट्रपति से लेकर गांव की युवती तक—हर कोई इस आंदोलन का हिस्सा बना और दुनिया को यह संदेश दिया कि योग अब सिर्फ भारत की परंपरा नहीं, बल्कि विश्व का विश्वास बन चुका है।