
12 जून को अहमदाबाद में हुई भीषण विमान दुर्घटना के बाद भारत के नागरिक विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने विमानन सुरक्षा को लेकर बड़ा एक्शन लिया है। एयर इंडिया की लापरवाही और सुरक्षा मानकों के उल्लंघन को गंभीरता से लेते हुए DGCA ने एयरलाइन के तीन वरिष्ठ अधिकारियों, जिनमें एक डिवीजनल वाइस प्रेसिडेंट भी शामिल हैं, को चालक दल की समय-सारणी और रोस्टरिंग से जुड़ी सभी जिम्मेदारियों से तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया है।
आंतरिक जांच और अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश
DGCA ने 20 जून को अपने आदेश में स्पष्ट निर्देश दिया कि एयर इंडिया को इन अधिकारियों के खिलाफ तुरंत आंतरिक अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करनी होगी। इस फैसले को अहमदाबाद हादसे के बाद की गई प्रारंभिक जांचों और हालिया सुरक्षा उल्लंघनों के मद्देनज़र एक कठोर चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।
एस्केप स्लाइड निरीक्षण में गंभीर लापरवाही
इस कार्रवाई से पहले DGCA ने एयर इंडिया को बिना आवश्यक जांच और मेंटेनेंस के एयरबस विमान उड़ाने पर फटकार लगाई थी। DGCA की रिपोर्ट के मुताबिक, एयर इंडिया के तीन एयरबस विमान मई महीने में अनिवार्य समयसीमा के भीतर इमरजेंसी उपकरणों — विशेष रूप से एस्केप स्लाइड्स — की जांच करवाने में विफल रहे। इस दौरान विमान दुबई, रियाद और जेद्दा जैसे अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर संचालित किए गए।रिपोर्ट में बताया गया कि एयरबस A320 विमान का निरीक्षण 15 मई को किया गया, जबकि नियमानुसार उसकी जांच पहले ही की जानी चाहिए थी। DGCA ने इस तरह की ढिलाई को गंभीर सुरक्षा खतरा करार देते हुए एयर इंडिया के प्रबंधन की जवाबदेही तय की है।
अहमदाबाद हादसा: दर्दनाक त्रासदी
एयर इंडिया की उड़ान AI-171, जो 12 जून को लंदन के लिए रवाना हुई थी, अहमदाबाद के एक मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें चालक दल के सदस्य भी शामिल थे। इस हादसे में विमान में सवार सभी यात्रियों की मृत्यु हो गई, सिवाय एक व्यक्ति के। हादसे में जमीन पर मौजूद लगभग 29 अन्य लोगों की भी जान चली गई।यह देश की सबसे भयावह विमान दुर्घटनाओं में से एक बन गई है, जिसने न सिर्फ भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी झकझोर दिया।
शवों की पहचान और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया
एक सप्ताह के भीतर, अहमदाबाद सिविल अस्पताल के डॉक्टर राकेश जोशी के अनुसार, 270 मृतकों में से 215 की पहचान डीएनए परीक्षण द्वारा की जा चुकी है। अब तक 198 शव उनके परिजनों को सौंपे जा चुके हैं। इन शवों में 149 भारतीय, 32 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल हैं। इनमें से 7 शव उन लोगों के हैं जो विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर जमीन पर मारे गए थे।
DGCA की सख्ती: एक सख्त संदेश
DGCA की इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि अब भारतीय विमानन क्षेत्र में सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। एयरलाइनों को अब यह समझना होगा कि चालक दल की रोस्टरिंग से लेकर इमरजेंसी उपकरणों की समय पर जांच तक — हर नियम का पालन अनिवार्य है।यह घटना और उसके बाद की कार्रवाई पूरे देश के लिए एक चेतावनी है कि लापरवाही की कीमत कितनी भयावह हो सकती है। आने वाले समय में DGCA की निगरानी और भी सख्त होने की उम्मीद की जा रही है।