
प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब उत्तराखंड के सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की बायोमेट्रिक हाजिरी अनिवार्य कर दी गई है। इस संबंध में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं।मंत्री डा. रावत ने बताया कि यह निर्णय स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और मरीजों को समय पर उपचार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लिया गया है। बीते समय में लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कई चिकित्सक और पैरामेडिकल कर्मचारी बिना पूर्व अनुमति के ड्यूटी से अनुपस्थित रहते हैं, जिससे मरीजों को इलाज के लिए परेशान होना पड़ता है।स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अब यह लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों, उप जिला चिकित्सालयों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उपकेंद्रों और मेडिकल कॉलेजों में जल्द ही बायोमेट्रिक हाजिरी मशीनें लगाई जाएंगी। इसके लिए स्वास्थ्य महानिदेशक व चिकित्सा शिक्षा निदेशक को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।बायोमेट्रिक प्रणाली लागू होने के बाद प्रत्येक कर्मचारी की उपस्थिति पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। बिना सूचना के गैरहाजिर पाए जाने पर वेतन में कटौती की जाएगी और अनुशासनात्मक कार्रवाई भी तय होगी। इस दिशा में सभी सीएमओ और चिकित्सा संस्थानों के प्रमुखों को कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।साथ ही, जिला प्रशासन के अधिकारी समय-समय पर औचक निरीक्षण करेंगे ताकि व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे। डा. रावत ने दोहराया कि मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।सरकार का यह प्रयास स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है। “मरीजों की सेवा सर्वोपरि है, और इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी,” मंत्री ने सख्त लहजे में कहा।