
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से एक बार फिर इंसानियत को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। कस्बा क्षेत्र स्थित एक लॉ कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा ने आरोप लगाया है कि कॉलेज परिसर में ही उसके साथ तीन लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। इस गंभीर आरोप के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है और राजनीतिक हलकों में भी उबाल है।
कॉलेज परिसर में ले जाकर किया गया कुकर्म
घटना 25 जून की शाम की है, जब पीड़ित छात्रा कॉलेज आई थी। आरोप है कि दो सीनियर छात्र और कॉलेज का एक पूर्व छात्र उसे बहला-फुसलाकर एक कमरे में ले गए और वहीं पर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पीड़िता की शिकायत पर कस्बा पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई और पुलिस ने तीनों आरोपियों को 26 और 27 जून को गिरफ्तार कर लिया।गिरफ्तार हुए आरोपियों में 31 वर्षीय मोनोजीत मिश्रा (कॉलेज का पूर्व छात्र और पूर्व इकाई अध्यक्ष), 19 वर्षीय जैब अहमद, और 20 वर्षीय प्रमित मुखर्जी शामिल हैं। पुलिस ने तीनों के मोबाइल फोन जब्त किए हैं और 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश कोर्ट से मिला है।
राजनीतिक भूचाल: भाजपा ने ममता सरकार को घेरा
घटना के सामने आते ही भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर ममता सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने लिखा कि पश्चिम बंगाल महिलाओं के लिए एक ‘दुःस्वप्न’ बन चुका है और आरोपियों में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस का एक सदस्य भी शामिल है। हालांकि इस दावे को लेकर उन्होंने कोई प्रमाण या सबूत सार्वजनिक नहीं किया।
राष्ट्रीय महिला आयोग हुआ सक्रिय
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए कोलकाता पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजा है। आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने घटना को गंभीरता से लेते हुए त्वरित जांच, पीड़िता को धारा 396 BNSS के तहत मुआवजा, तथा चिकित्सा, मानसिक और कानूनी सहायता देने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने तीन दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है।
आरजी कर कांड की भयावह यादें ताजा
यह मामला कोलकाता के बहुचर्चित आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना के 10 महीने बाद सामने आया है, जिसमें एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई थी। उस घटना में दोषी पाए गए आरोपी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अब यह नई घटना बताती है कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हालात अभी भी बेहद चिंताजनक हैं।