
पश्चिम बंगाल एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर राजनीतिक और सामाजिक उबाल का केंद्र बन गया है। कोलकाता के कस्बा क्षेत्र स्थित एक लॉ कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा के साथ कथित गैंगरेप की घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन सियासत अब इस अपराध से कहीं आगे बढ़ चुकी है। विपक्ष खासतौर पर भाजपा ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल सरकार को घेरते हुए उनके इस्तीफे की मांग तक कर डाली है।
‘छात्राएं नहीं सुरक्षित’, भाजपा का ममता सरकार पर तीखा वार
पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने शुक्रवार को प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, “यह घटना स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि राज्य में छात्राएं सुरक्षित नहीं हैं। लॉ कॉलेज जैसी जगह, जहां कानून और न्याय की शिक्षा दी जाती है, वहीं अगर छात्रा के साथ ऐसा अपराध हो सकता है तो बाकी संस्थानों की स्थिति का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।”उन्होंने यह भी जोड़ा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद राज्य का पुलिस विभाग देखती हैं, फिर भी कानून व्यवस्था इस कदर चरमराई हुई है कि अपराधी बेखौफ हो चुके हैं।
आरजी कर कांड और बम धमाके की याद दिलाई
मजूमदार ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना को भी याद दिलाया, जहां एक जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या हुई थी। उन्होंने हाल ही में कालीगंज विधानसभा उपचुनाव के दौरान टीएमसी विजय रैली में हुए बम धमाके का जिक्र करते हुए कहा, “एक मासूम बच्ची की मौत हो गई, लेकिन सरकार सिर्फ अपनी छवि बचाने में लगी है।”
सुवेंदु अधिकारी का बड़ा बयान: ममता को देना चाहिए इस्तीफा
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा, “जब राजधानी में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं और मुख्यमंत्री रथ यात्रा में व्यस्त हैं, तब यह राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाता है।”उन्होंने यह भी दावा किया कि कोलकाता पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी उस समय दीघा में मौजूद थे, जहां मुख्यमंत्री धार्मिक यात्रा में शामिल हो रही थीं। अधिकारी ने इस मुद्दे पर बड़े जनांदोलन का एलान करते हुए कहा कि भाजपा चुप नहीं बैठेगी।
तृणमूल कांग्रेस की सफाई और विपक्ष को चेतावनी
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयप्रकाश मजूमदार ने विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे मुद्दों पर सस्ती राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने अपील की कि “सभी दलों को मिलकर महिला सुरक्षा जैसे संवेदनशील विषय पर रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।”
जांच जारी, महिला आयोग हुआ सक्रिय
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी इस घटना का स्वतः संज्ञान लिया है और कोलकाता पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर त्वरित जांच और रिपोर्ट की मांग की है। आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने पीड़िता को पूर्ण चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक और कानूनी सहायता दिलाने के निर्देश दिए हैं।पुलिस ने बताया कि मामला प्रारंभिक जांच के चरण में है और पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है। आरोपियों को 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है।
निष्कर्ष: सवालों के घेरे में बंगाल की कानून व्यवस्था
कोलकाता लॉ कॉलेज में हुए इस कथित गैंगरेप ने न केवल कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया है, बल्कि यह प्रश्न भी खड़ा किया है कि क्या बंगाल में महिलाएं, खासकर छात्राएं, खुद को सुरक्षित महसूस कर पा रही हैं? राज्य की राजनीति इस मुद्दे पर गरमा गई है, लेकिन जनता को उम्मीद है कि आरोपियों को सख्त सजा मिले और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।