
उत्तराखंड में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि राज्य के पहाड़ी इलाकों और कुछ मैदानी क्षेत्रों में अगले 24 घंटों के भीतर अत्यधिक वर्षा की संभावना है। विभाग की इस भविष्यवाणी को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों से अलर्ट रहने और सावधानी बरतने की अपील की है।मुख्यमंत्री धामी ने जनता से कहा कि अनावश्यक यात्रा से बचें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रशासन से संपर्क करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद हैं और हर स्तर पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।खास तौर पर मुख्यमंत्री ने उन अभ्यर्थियों से अपील की है जो पीसीएस परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे समय से पहले परीक्षा केंद्र के लिए रवाना हो जाएं ताकि किसी भी प्रकार की बारिश या यातायात बाधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा, “आपकी परीक्षा भी जरूरी है और आपकी सुरक्षा भी।”राज्य सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं और यह सुनिश्चित किया गया है कि आपदा प्रबंधन टीमें, राहत दल और मेडिकल सहायता सभी संवेदनशील क्षेत्रों में उपलब्ध रहें। सीएम धामी ने यह भी बताया कि आपदा से निपटने के लिए राज्य सरकार हर संभव संसाधन जुटा रही है।बारिश के कारण राज्य के कई क्षेत्रों में भूस्खलन, यातायात बाधित होने और जान-माल के नुकसान की खबरें सामने आ चुकी हैं। हाल ही में चमोली जिले में भारी बारिश के चलते ग्रामीणों को अपने घर छोड़कर अस्पतालों में शरण लेनी पड़ी, और बदरीनाथ हाईवे पर एक वाहन मलबे में फंस गया। कई मवेशियों की भी मौत की सूचना मिली है।इस पूरे परिदृश्य को देखते हुए प्रशासन ने लोगों को सलाह दी है कि वे नदियों, झरनों या भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में ना जाएं। साथ ही किसी भी आपात स्थिति में जिला प्रशासन, पुलिस या आपदा कंट्रोल रूम से संपर्क करें।मौसम विभाग की यह चेतावनी और सरकार की तत्परता इस बात की याद दिलाती है कि प्रकृति के आगे सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। आमजन से भी अपेक्षा की जा रही है कि वे जिम्मेदारी से व्यवहार करें, अफवाहों पर ध्यान न दें और सरकारी सूचनाओं का पालन करें।उत्तराखंड में भारी बारिश की संभावना ने एक बार फिर से राज्य को आपदा प्रबंधन के मोड पर ला दिया है, और प्रशासन यह सुनिश्चित करने में लगा है कि कोई जान-माल का नुकसान न हो। ऐसे में सभी नागरिकों की सतर्कता और सहयोग ही इस चुनौती से सफलतापूर्वक निपटने का रास्ता तैयार करेगा।