
कोलकाता के प्रतिष्ठित विधि कॉलेज में एक छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले ने राज्य भर में सनसनी फैला दी है। इस मामले में पुलिस अब तक चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें कॉलेज का एक सुरक्षा गार्ड भी शामिल है। पीड़िता की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत, मेडिकल जांच और पुलिस की तफ्तीश ने इस जघन्य अपराध की परतें एक-एक कर खोल दी हैं, जिससे न केवल कानून व्यवस्था बल्कि शैक्षणिक संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
गार्ड की गिरफ्तारी से खुला नया मोर्चा
कोलकाता पुलिस ने शनिवार सुबह कॉलेज के सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी (55) को गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक पूछताछ में गार्ड गोलमोल जवाब देता रहा और यह स्पष्ट नहीं कर सका कि उसने क्यों आरोपियों को रोकने की कोशिश नहीं की। उसकी मौजूदगी कॉलेज परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई थी। पुलिस का कहना है कि गार्ड की चुप्पी और निष्क्रियता भी अपराध में संलिप्तता के रूप में देखी जा रही है।पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि घटना के समय गार्ड अकेला था या किसी के साथ। यह आशंका जताई जा रही है कि अपराध को अंजाम देने से पहले गार्ड को जानबूझकर कमरे से बाहर बिठाया गया था, ताकि भीतर हैवानियत को अंजाम दिया जा सके।
आरोपी कौन हैं?
इस मामले में अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है:
- मनोजीत मिश्रा (31): तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद का पूर्व अध्यक्ष, कॉलेज का पूर्व छात्र और जिला अदालत में आपराधिक मामलों का वकील। साथ ही कॉलेज में 45 दिन के लिए अस्थायी गैर-शिक्षण कर्मचारी के रूप में कार्यरत था।
- जैब अहमद (19) और प्रोमित मुखोपाध्याय (20): दोनों कॉलेज के मौजूदा छात्र हैं और मनोजीत के करीबी बताए जाते हैं।
- पिनाकी बनर्जी (55): कॉलेज का सुरक्षा गार्ड, जो घटना के वक्त परिसर में मौजूद था लेकिन अपराध रोकने में विफल रहा।
कोर्ट ने तीनों मुख्य आरोपियों को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। वहीं, पीड़िता का बयान न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज किया गया है। मेडिकल रिपोर्ट में भी सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि हुई है।
शादी के प्रस्ताव से इंकार बना वजह
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि मनोजीत मिश्रा ने उससे शादी का प्रस्ताव रखा था, जिसे उसने ठुकरा दिया। इसके बाद मनोजीत ने अपने साथियों के साथ उसे पीटना शुरू किया, घसीटते हुए गार्ड रूम में ले गया, और वहीं उसके साथ दुष्कर्म किया। अन्य दो आरोपी बाहर पहरा दे रहे थे। आरोपियों ने कॉलेज का मुख्य गेट बंद कर दिया और सुरक्षा गार्ड को कमरे के बाहर बैठा दिया गया ताकि कोई अंदर न आ सके।
धमकी और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल
शिकायत में यह भी सामने आया है कि आरोपियों ने इस घिनौने कृत्य का मोबाइल फोन से वीडियो बनाया, और शिकायत करने पर वीडियो वायरल करने की धमकी दी। पुलिस ने सभी आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिए हैं।
तृणमूल कनेक्शन और सियासी विवाद
इस मामले में राजनीतिक तूफान भी खड़ा हो गया है। मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा के तृणमूल कांग्रेस छात्र संगठन से करीबी संबंध सामने आने के बाद विरोधी दलों ने राजनीतिक संरक्षण का आरोप लगाया है। वहीं, एक तृणमूल सांसद के बयान, जिसमें उन्होंने कहा कि “अगर दोस्त ही दोस्त का दुष्कर्म करे तो क्या कर सकते हैं?”, पर देशभर में गहरा आक्रोश देखने को मिला।
समाज और कानून व्यवस्था पर सवाल
एक ओर जहां पीड़िता न्याय के लिए संघर्ष कर रही है, वहीं इस घटना ने शिक्षा संस्थानों में महिला सुरक्षा, कानून के भय, और संस्थागत जिम्मेदारी पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। सवाल यह भी है कि क्या एक राजनीतिक रसूखदार व्यक्ति कॉलेज, कानून और सुरक्षा तंत्र का ऐसा दुरुपयोग कर सकता है, और क्या हम समय रहते ऐसे दोषियों को न्याय के कटघरे तक पहुंचा पा रहे हैं?यह मामला सिर्फ एक दुष्कर्म का नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की खामियों और संवेदनहीनता की तस्वीर बन चुका है।