
देहरादून स्थित ओएनजीसी सामुदायिक भवन में शनिवार को ऑल इंडिया ऑयल सेक्टर मीट का भव्य आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य अतिथि के रूप में किया। इस महत्वपूर्ण आयोजन का उद्देश्य तेल एवं ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी नीतियों, नवाचारों और चुनौतियों पर व्यापक विमर्श करना था।कार्यक्रम का आयोजन ओएनजीसी ऑफिसर एसोसिएशन की ओर से किया गया, जिसमें देशभर से तेल और गैस उद्योग से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी, विशेषज्ञ और प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक के दौरान ऊर्जा क्षेत्र में तकनीकी उन्नयन, भविष्य की संभावनाएं और नीति-निर्माण से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई।मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि ओएनजीसी न केवल देश की ऊर्जा सुरक्षा का मजबूत स्तंभ है, बल्कि उत्तराखंड राज्य के विकास में भी इसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे विकासशील देश के लिए ऊर्जा क्षेत्र की स्थिरता और नवाचार भविष्य की प्रगति का आधार हैं।सीएम धामी ने ऑयल सेक्टर के कर्मचारियों, अधिकारियों और वैज्ञानिकों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उनका समर्पण और परिश्रम देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करता है। उन्होंने उत्तराखंड में ऊर्जा और औद्योगिक निवेश की संभावनाओं पर भी जोर दिया और कहा कि राज्य सरकार निवेशकों को बेहतर माहौल देने के लिए लगातार काम कर रही है।मीट के दौरान ऊर्जा संरक्षण, हरित ऊर्जा की दिशा में बढ़ते कदम, सुरक्षा मानकों और कार्मिक कल्याण जैसे विषयों पर भी विचार-विमर्श हुआ। यह आयोजन न केवल तेल क्षेत्र के भीतर समन्वय और संवाद को बढ़ावा देने वाला था, बल्कि नीतिगत स्तर पर भविष्य की दिशा तय करने वाला एक प्रभावशाली मंच भी बना।ओएनजीसी अधिकारियों ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए ऊर्जा क्षेत्र में उनके नेतृत्व और राज्य सरकार के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। बैठक में यह भी चर्चा हुई कि किस प्रकार ऑयल सेक्टर की गतिविधियां पर्यावरणीय संतुलन के साथ आगे बढ़ सकती हैं और कैसे नयी तकनीकों को अपनाकर उत्पादन को अधिक कुशल बनाया जा सकता है।इस अवसर पर ओएनजीसी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ तेल और गैस क्षेत्र के कई विशेषज्ञ, तकनीकी अधिकारी, और कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।यह आयोजन देहरादून को एक बार फिर ऊर्जा क्षेत्र के राष्ट्रीय विमर्श का केंद्र बना गया, जहां से नई सोच और सहयोग की दिशा में कई सार्थक कदम उठाए गए।