शादी से इनकार की सजा: छात्रा के साथ तीन घंटे तक बर्बरता, बोली- मनोजीत ने मेरी ज़िंदगी नर्क बना दी

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के कस्बा इलाके में एक लॉ कॉलेज की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। यह शर्मनाक घटना 25 जून को साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज परिसर में स्थित गार्ड रूम में घटी, जिसने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। मेडिकल जांच में दुष्कर्म की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के छात्र संगठन से जुड़े मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा (31), जैब अहमद (19) और प्रोमित मुखोपाध्याय (20) को गिरफ्तार कर चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

शादी से इनकार पर रची साजिश

पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि आरोपी मनोजीत मिश्रा ने उसे शादी का प्रस्ताव दिया था, जिसे उसने ठुकरा दिया। इसके बाद मनोजीत ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर उसे पहले पीटा और फिर जबरन कॉलेज के गार्ड रूम में ले जाकर दुष्कर्म किया। इस दौरान दोनों अन्य आरोपी बाहर पहरा देते रहे।

मोबाइल में रिकॉर्ड किया वीडियो, वायरल करने की धमकी

पीड़िता के मुताबिक, आरोपियों ने घटना का वीडियो मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया और शिकायत करने पर वीडियो वायरल करने की धमकी दी। यही नहीं, पीड़िता के बॉयफ्रेंड को पीटने और उसके माता-पिता को झूठे केस में फंसाने की धमकियां भी दी गईं। पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिए हैं।

तीन घंटे तक गार्ड रूम में हुई दरिंदगी

एफआईआर में दर्ज विवरण के अनुसार, तीनों आरोपियों ने पीड़िता के साथ लगभग तीन घंटे तक गार्ड रूम में दरिंदगी की। कॉलेज का मुख्य गेट बंद कर दिया गया था और सुरक्षा गार्ड को भी कमरे के बाहर बैठा दिया गया था, ताकि किसी को शक न हो।

आरोपी निकला वकील और कॉलेज का पूर्व छात्र

मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा पेशे से वकील है और जिला अदालत में आपराधिक मामलों की पैरवी करता है। उसे कॉलेज में 45 दिनों के लिए अस्थायी रूप से गैर-शिक्षण कर्मचारी के रूप में भी नियुक्त किया गया था। वह TMC छात्र परिषद की दक्षिण कोलकाता इकाई का पूर्व संगठन सचिव और कॉलेज यूनिट का पूर्व अध्यक्ष भी रह चुका है।

महिला आयोग ने लिया स्वतः संज्ञान

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए कोलकाता पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर कड़ी चिंता जताई है। आयोग ने त्वरित और निष्पक्ष जांच के निर्देश देते हुए बीएनएसएस की धारा 396 के तहत पीड़िता को मुआवजा, चिकित्सा सहायता, मनोवैज्ञानिक सहयोग और कानूनी सहायता उपलब्ध कराने पर बल दिया है। आयोग ने 3 दिन में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

10 महीने पहले भी हुई थी वैसी ही भयावह घटना

यह घटना कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 10 महीने पहले हुई उस घटना की याद दिला रही है, जिसमें एक महिला डॉक्टर से दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई थी। उस मामले में भी पूरे देश में आक्रोश फैल गया था।


यह मामला सिर्फ एक छात्रा से दुष्कर्म का नहीं, बल्कि संस्थागत संरचनाओं, राजनीतिक पहुंच और सिस्टम की असंवेदनशीलता की भयावह तस्वीर भी है। पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग के साथ, देशभर से आवाज़ें बुलंद हो रही हैं।

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