सीएम धामी ने जताया सम्मान: पूर्व सैनिकों से की मुलाकात, जनभागीदारी को बताया ज़रूरी

देहरादून, 7 जुलाई 2025 – उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज गढ़ी कैंट स्थित डीआईओएस सभागार में आयोजित “विकसित भारत-2047: सामूहिक संवाद – पूर्व सैनिकों के साथ” कार्यक्रम में भाग लेते हुए राज्य के सर्वांगीण विकास, कानून व्यवस्था, सामाजिक समरसता और सैनिकों के कल्याण से जुड़े कई अहम विषयों पर संवाद किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, और उपनल के प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर जे.एन.एस. बिष्ट (सेनि) भी उपस्थित रहे।


मतांतरण और जनसंख्या असंतुलन पर सरकार गंभीर, जन सहयोग आवश्यक: सीएम धामी

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में स्पष्ट शब्दों में कहा कि उत्तराखंड सरकार मतांतरण और जनसांख्यिकी परिवर्तन जैसी संवेदनशील समस्याओं को लेकर बेहद सजग है। उन्होंने कहा,
“हमारी सरकार ने इस दिशा में मजबूत पहल की है, लेकिन इन प्रयासों के सफल क्रियान्वयन के लिए जनता का सहयोग और विधिक जागरूकता भी अत्यंत आवश्यक है।”सीएम धामी ने कहा कि हमारी सरकार ने सख्त दंगा विरोधी कानून, भूमि अतिक्रमण पर कठोर कार्रवाई, और समान नागरिक संहिता (UCC) जैसे साहसिक फैसले लिए हैं, लेकिन इन कानूनों को ज़मीन पर उतारने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग की भागीदारी जरूरी है।


पूर्व सैनिकों से संवाद: राज्य के लिए सुझाव और संकल्प

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिकों का जीवन अनुशासन, समर्पण और राष्ट्रप्रेम से परिपूर्ण होता है और ऐसे अनुभववान नागरिकों का मार्गदर्शन शासन के लिए अमूल्य है। उन्होंने कहा:
“पूर्व सैनिक हमारे समाज के प्रेरणास्त्रोत हैं। वे जहां भी होते हैं, राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाते हैं। आपके सुझाव हमारे लिए दिशा-निर्देश हैं।”पूर्व सैनिकों ने संवाद के दौरान सैन्य सम्मान, पुनर्वास, रोजगार, स्वास्थ्य सुविधाओं और अन्य मुद्दों पर मुख्यमंत्री को सुझाव दिए, जिन पर सकारात्मक विचार और त्वरित समाधान का आश्वासन दिया गया।


‘एक पेड़ मां के नाम’ – सैनिकों से पर्यावरण प्रहरी बनने का आह्वान

मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों से पर्यावरण सुरक्षा में भागीदार बनने की अपील करते हुए कहा:
“आप केवल राष्ट्र प्रहरी नहीं, बल्कि पर्यावरण के भी प्रहरी हैं। हर डिवीजन में वन विभाग को 1,000 पेड़ लगाने के निर्देश दिए गए हैं। मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि आप ‘एक पेड़ अपनी मां के नाम’ अभियान में भाग लें।”उन्होंने कहा कि सैनिकों की देखभाल की भावना उनके लगाए पेड़ों को भी संरक्षित रखेगी और यह अभियान धरातल पर एक स्थायी पर्यावरणीय योगदान बनेगा।


राज्य में तीव्र विकास: पर्यटन, रोजगार और बुनियादी सुधारों पर फोकस

सीएम धामी ने उत्तराखंड में हो रहे विकास कार्यों की जानकारी साझा करते हुए कहा कि पिछले दो महीनों में राज्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या 38 लाख से अधिक हो चुकी है। उन्होंने बताया कि
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोग से शीतकालीन यात्रा और आदि कैलाश यात्रा को नई गति मिली है। मानसरोवर यात्रा का समय 7 दिन कम हुआ है। राज्य की बेरोजगारी दर 4.2% से भी कम हो चुकी है, जो राष्ट्रीय औसत से नीचे है।”


पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सैनिकों की सेवा और बलिदान को राज्य कभी भुला नहीं सकता। उन्होंने भावुक स्वर में कहा:
“मैं स्वयं एक फौजी का बेटा हूं। मैंने करीब से देखा है कि शहीदों के परिवार किन परिस्थितियों से गुजरते हैं। यही संवेदनशीलता हमारी सरकार के हर कार्य में झलकनी चाहिए।”उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एक वीरभूमि है जहां हर परिवार का रिश्ता सेना से जुड़ा है। हमारे सपूतों ने देश की रक्षा में जो बलिदान दिया है, वह अमर है। इस भावना के तहत राज्य सरकार पूर्व सैनिकों के हित में लगातार नीतियां बना रही है और आगे भी बनाती रहेगी।


समाप्ति संदेश: सैनिकों का सम्मान, राष्ट्र की मजबूती

कार्यक्रम का समापन इस विश्वास और प्रण के साथ हुआ कि पूर्व सैनिकों का अनुभव, सुझाव और राष्ट्रप्रेम राज्य के भविष्य निर्माण में एक निर्णायक भूमिका निभाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि “उत्तराखंड का भविष्य तभी सुरक्षित और समृद्ध होगा, जब सैनिकों का सम्मान, जनसहयोग और कानून का सशक्त क्रियान्वयन साथ चले।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Notice: ob_end_flush(): failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home1/theindi2/public_html/wp-includes/functions.php on line 5471