निपाह की वापसी! केरल में फिर मंडराया जानलेवा वायरस का खतरा

तिरुवनंतपुरम/कोझिकोड | जुलाई 2025
केरल में एक बार फिर निपाह वायरस (Nipah Virus) ने दस्तक दी है। राज्य के दो जिलों — कोझिकोड और मल्लापुरम — में इस जानलेवा वायरस के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है। राज्य सरकार और केंद्र की टीमों ने संक्रमण की रोकथाम के लिए तेजी से कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।


स्वास्थ्य विभाग की पुष्टि, सक्रिय निगरानी शुरू

केरल स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को पुष्टि की कि कोझिकोड जिले के एक अस्पताल में भर्ती मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके साथ ही एक संदिग्ध मामला मल्लापुरम जिले से भी रिपोर्ट किया गया है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विशेष नियंत्रण कक्ष, मोबाइल मेडिकल टीमें और निगरानी तंत्र सक्रिय कर दिया है।सरकारी सूत्रों के अनुसार, कम से कम 40 लोगों को प्राथमिक संपर्क की सूची में रखा गया है, जिनका परीक्षण किया जा रहा है और उन्हें क्वारंटाइन में भेजा गया है। कोझिकोड में कुछ शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।


क्या है निपाह वायरस और कैसे फैलता है?

निपाह वायरस एक जानलेवा वायरस है जो सबसे पहले 1998 में मलेशिया में पहचाना गया था। यह वायरस चमगादड़ों (fruit bats) से इंसानों और जानवरों में फैलता है। इसके संक्रमण के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, सांस लेने में दिक्कत, उल्टी और मस्तिष्क की सूजन (encephalitis) शामिल हैं। कुछ मामलों में यह संक्रमण 48 से 72 घंटों में जानलेवा साबित हो सकता है।निपाह वायरस का कोई सटीक इलाज या वैक्सीन अभी तक उपलब्ध नहीं है। इसलिए बचाव ही सबसे बड़ा उपाय है


निपाह वायरस से कैसे बचें?

स्वास्थ्य विभाग और विशेषज्ञों के अनुसार, निपाह वायरस से बचाव के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन करें:

  • संक्रमित व्यक्ति से संपर्क से बचें
  • चमगादड़ द्वारा खाए गए फलों का सेवन न करें
  • कच्चा खजूर का रस न पिएं
  • हाथों की नियमित सफाई करें
  • बुखार या सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें
  • जिन क्षेत्रों में निपाह वायरस फैल रहा है, वहां भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें

राज्य सरकार की तैयारी और केंद्र की मदद

केरल सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए केंद्र सरकार से विशेषज्ञों की टीम भी मंगवाई है। ICMR (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद), NCDC (राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र) और WHO के सहयोग से राज्य में रोकथाम संबंधी प्रयास किए जा रहे हैं।मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल अधिकृत स्रोतों से ही जानकारी लें। उन्होंने बताया कि सरकार हर जरूरी उपाय कर रही है ताकि संक्रमण को आगे फैलने से रोका जा सके।


निपाह वायरस: एक नजर में खतरे का स्तर

  • मृत्यु दर: 40%–75% (WHO के अनुसार)
  • इलाज: नहीं उपलब्ध
  • वैक्सीन: शोध जारी
  • संक्रमण का तरीका: संक्रमित चमगादड़, सूअर या इंसान से इंसान
  • सबसे ज्यादा खतरा: स्वास्थ्यकर्मी, संक्रमित के परिजन, फल विक्रेता, बच्चे और बुज़ुर्ग

केरल एक बार फिर गंभीर स्वास्थ्य संकट की स्थिति में है। निपाह वायरस की वापसी ने महामारी नियंत्रण व्यवस्था की वास्तविक परीक्षा लेनी शुरू कर दी है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता के बावजूद, आम नागरिकों की सतर्कता और सहयोग इस लड़ाई में निर्णायक भूमिका निभाएगा।हम अपने सभी पाठकों को यह सलाह देते हैं कि वे अधिक सतर्क रहें, अफवाहों से बचें और केवल सरकारी निर्देशों का पालन करें

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