
गुरुग्राम की उभरती हुई टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या का मामला दिन-ब-दिन और भी पेचीदा होता जा रहा है। एक ओर जहां पुलिस जांच की रफ्तार तेज है, वहीं दूसरी ओर हत्या से जुड़े कई नए पहलू सामने आ रहे हैं, जो इस दिल दहला देने वाले मामले को और भी रहस्यमय बना रहे हैं।
हत्या के वक्त कहां थीं राधिका की मां?
ताजा जांच में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि राधिका की मां मंजू यादव घटना के समय कहां थीं और क्या उन्होंने वारदात के दौरान कुछ देखा या सुना था? प्रारंभिक जांच में पुलिस को यह जानकारी मिली है कि जब राधिका के पिता ने गोली चलाई, उस वक्त मां उसी मंजिल पर मौजूद थीं।हालांकि, मंजू यादव ने पुलिस को बताया कि उन्हें नहीं पता कि राधिका की हत्या कैसे हुई। उन्होंने दावा किया कि वे वारदात के समय मौके पर मौजूद नहीं थीं और जब उन्होंने गोलियों की आवाज सुनी, तब वे नीचे भूतल से ऊपर की ओर दौड़ीं। ऊपर पहुंचने पर उन्होंने देखा कि राधिका खून से लथपथ पड़ी है और उसके पति (राधिका के पिता) ने उस पर गोलियां चलाई हैं।
चाचा कुलदीप यादव की गवाही से बढ़ी जांच की गहराई
इस मामले में राधिका के चाचा कुलदीप यादव द्वारा दी गई जानकारी ने पुलिस की जांच को एक नया मोड़ दे दिया है। चाचा की एफआईआर के अनुसार, जब यह खौफनाक घटना हुई, उस समय राधिका की मां घर की पहली मंजिल पर ही मौजूद थीं। यह जानकारी राधिका की मां के उस बयान से मेल नहीं खाती, जिसमें उन्होंने खुद को घटना स्थल से अलग बताया है।पुलिस अब यह तथ्य जांचने में जुटी है कि क्या मंजू यादव ने सच्चाई छुपाई है या वह वास्तव में अनजान थीं। यदि वे उसी मंजिल पर थीं, तो क्या उन्होंने गोली चलने की आवाज नहीं सुनी?, और यदि सुनी तो उन्होंने तुरंत हस्तक्षेप क्यों नहीं किया?
पुलिस कर रही है हर एंगल से जांच
पुलिस ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि वे हत्या के सभी संभावित कोणों की जांच कर रहे हैं। इसमें यह भी शामिल है कि राधिका के माता-पिता के आपसी संबंध कैसे थे, घर के माहौल में क्या तनाव था, और मां की भूमिका या जानकारी कितनी प्रासंगिक है।एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “हम हर पहलू को गंभीरता से देख रहे हैं। राधिका की मां के बयान और उनके स्थान की पुष्टि की जा रही है। परिवार के अन्य सदस्यों से भी पूछताछ जारी है।”
राधिका यादव: एक होनहार खिलाड़ी का दुखद अंत
राधिका यादव को खेल जगत में एक उदयीमान टेनिस स्टार के रूप में देखा जाता था। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया था और अपने प्रदर्शन से गुरुग्राम और हरियाणा का नाम रोशन किया था।उनकी मौत ने न सिर्फ परिवार को, बल्कि पूरे खेल समुदाय को झकझोर दिया है। साथ ही, एक पिता द्वारा अपनी ही बेटी की हत्या करने का यह मामला सामाजिक मूल्यों और पारिवारिक ताने-बाने पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।