
लखनऊ, 13 जुलाई 2025 — शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष के उपलक्ष्य में ‘संदेश यात्रा’ का अपने सरकारी आवास से भव्य शुभारंभ किया। यह यात्रा लखनऊ से शुरू होकर कानपुर, इटावा, आगरा होते हुए दिल्ली के ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री शीशगंज साहिब, चांदनी चौक तक पहुंचेगी। यात्रा का उद्देश्य भारत की धर्मनिष्ठ परंपराओं, राष्ट्रीय एकता और गुरु तेग बहादुर महाराज के बलिदान को स्मरण करना है।
गुरु तेग बहादुर का बलिदान – सनातन धर्म की रक्षा का प्रतीक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर कहा कि गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान संपूर्ण मानवता, सहिष्णुता और धर्म की रक्षा के लिए प्रेरणास्त्रोत है। उन्होंने कहा कि “गुरु जी ने जबरन इस्लामीकरण के खिलाफ अपने प्राणों की आहुति दी। उस कालखंड में औरंगजेब जैसे अत्याचारी शासक के सामने खड़े होने का साहस सिर्फ गुरु तेग बहादुर जैसे महान संत ही कर सकते थे।”
सीएम योगी ने औरंगजेब के युग को ‘क्रूरता और बर्बरता का युग’ बताते हुए कहा कि उस समय सनातन धर्म को मिटाने की कोशिशें की गईं, लेकिन गुरु तेग बहादुर जी ने मुगलों को चुनौती देकर धर्म की रक्षा की।
मतांतरण पर सख्त संदेश: “सरकार एक्शन में है, आप भी सजग रहें”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच से जबरन धर्मांतरण की घटनाओं को लेकर चिंता जताई और जनता को सतर्क रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा:
“देश और प्रदेश में मतांतरण की साजिशें चल रही हैं। हिंदू और सिख युवाओं को टारगेट किया जा रहा है। उनके मतांतरण के लिए बाकायदा रेट तय किए गए हैं।”
उन्होंने कहा कि सरकार ने इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन समाज को भी जागरूक और सतर्क रहना होगा। “हम किसी भी दोषी को नहीं छोड़ेंगे, लेकिन समाज को भी सजग रहकर प्रशासन को तुरंत सूचना देनी होगी।”
योगी ने यह भी कहा कि हिंदुओं और सिखों के बीच दरार डालने की कोशिशें की जाएंगी, लेकिन हमें एकजुट रहना है और सत्य के मार्ग पर अडिग रहना है।
‘संदेश यात्रा’ बना धर्म, बलिदान और एकता का प्रतीक
‘तेग बहादुर संदेश यात्रा’ का उद्देश्य न केवल गुरु तेग बहादुर के बलिदान को जन-जन तक पहुंचाना है, बल्कि यह यात्रा राष्ट्रीय एकता, सांप्रदायिक सौहार्द और सांस्कृतिक जागरूकता का भी प्रतीक बन रही है।
सुबह यात्रा लखनऊ के नाका हिंडोला स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा से आरंभ हुई और मुख्यमंत्री आवास तक पहुंची। यहाँ मुख्यमंत्री ने पुष्पवर्षा कर यात्रा का भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर शबद कीर्तन, कथा विचार और गुरु लंगर का आयोजन भी किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस यात्रा के माध्यम से गुरु जी के जीवन, शिक्षाओं और बलिदान को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। यात्रा के समापन पर दिल्ली स्थित गुरुद्वारा श्री शीशगंज साहिब में विशेष कार्यक्रम का आयोजन होगा।
यूपी के सिख स्थलों पर भी होंगे कार्यक्रम
योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की कि उत्तर प्रदेश में स्थित उन स्थलों पर भी विशेष कार्यक्रम किए जाएंगे, जो गुरु तेग बहादुर जी से जुड़े रहे हैं। सरकार की योजना है कि इन स्थलों को धार्मिक पर्यटन के केंद्र के रूप में विकसित किया जाए, जिससे आने वाली पीढ़ियां गुरु जी के योगदान को समझ सकें।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव सहित अन्य पदाधिकारियों ने कार्यक्रम में भाग लिया और मुख्यमंत्री को सम्मानित किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को सिख समुदाय की ओर से धन्यवाद दिया कि उन्होंने गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को राज्यस्तर पर इतनी भव्यता से मनाने की पहल की।
निष्कर्ष: धर्म, सुरक्षा और एकता का संगम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कार्यक्रम न केवल एक धार्मिक आयोजन था, बल्कि उसमें राष्ट्र की एकता, सांस्कृतिक विरासत की रक्षा, और वर्तमान सामाजिक चुनौतियों को लेकर भी स्पष्ट और गंभीर संदेश छिपा था।
‘तेग बहादुर संदेश यात्रा’, अब केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि भारत के धर्म-संवेदनशील समाज के लिए चेतना की एक नई रेखा बन गई है।