
सावन का पहला सोमवार शिवभक्तों के लिए सबसे पावन दिन माना जाता है। इस शुभ अवसर पर देशभर के प्रमुख शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर, देवघर के बाबा बैद्यनाथ धाम और प्रयागराज के मनकामेश्वर मंदिर सहित भारत के कई धार्मिक स्थलों पर आस्था और श्रद्धा का अद्वितीय संगम देखने को मिला।
बाबा महाकाल की भस्म आरती ने बांधा भक्तिभाव
उज्जैन के श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में तड़के भस्म आरती के साथ शिवभक्ति की अनूठी छटा देखने को मिली। भस्म आरती के दौरान मंदिर परिसर ‘हर-हर महादेव’ और ‘ऊँ नमः शिवाय’ के जयघोष से गूंज उठा। हजारों की संख्या में श्रद्धालु इस अद्भुत दृश्य के साक्षी बने। यह आरती सावन के पहले सोमवार की विशेषता मानी जाती है और इसे देखने के लिए देशभर से भक्त उज्जैन पहुंचे।
देवघर में बाबा बैद्यनाथ का जलाभिषेक
झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। रात से ही कांवरियों की टोलियां बोल-बम के जयघोष के साथ कतारों में लगनी शुरू हो गई थीं। सावन के पहले सोमवार को जलाभिषेक का विशेष महत्व होता है, और बाबा को गंगाजल अर्पित करने के लिए लाखों श्रद्धालु देवघर पहुंचे। प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के लिए व्यापक इंतज़ाम किए थे।
श्री काशी विश्वनाथ धाम में रेड कार्पेट पर स्वागत
वाराणसी स्थित श्री काशी विश्वनाथ धाम को सावन के पहले सोमवार के लिए भव्य रूप से सजाया गया है। बाबा के धाम में रेड कार्पेट पर फूलों की वर्षा कर कांवड़ियों और श्रद्धालुओं का स्वागत किया जा रहा है। धाम की मुख्य चल प्रतिमा का विशेष शृंगार होगा, जिसे देखने और दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंचने की संभावना है।धाम में अनुमानित छह लाख श्रद्धालुओं के आगमन के मद्देनज़र प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतज़ाम किए हैं। पूरी व्यवस्था पर CCTV से निगरानी रखी जा रही है। दर्शन व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए जिग जैग बैरिकेडिंग की गई है, जिससे श्रद्धालु व्यवस्थित रूप से बाबा का जलाभिषेक कर सकें।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था
भक्तों को बारिश, गर्मी और भीड़भाड़ से राहत देने के लिए मंदिर परिसर में जर्मन हैंगर, अतिरिक्त शेड, और ग्लूकोज-ORS वितरण केंद्र लगाए गए हैं। पेयजल काउंटर, गुड़ वितरण, और खोया-पाया केंद्र की भी व्यवस्था की गई है, जिसमें बहुभाषी कर्मचारी श्रद्धालुओं की सहायता कर रहे हैं।धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने जानकारी दी कि मंगला आरती के बाद बाबा के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि सुबह से ही श्रद्धालु बैरिकेडिंग में लाइन लगाकर जलाभिषेक के लिए तैयार हैं।
पूरे देश में गूंजे महादेव के जयकारे
सिर्फ प्रमुख तीर्थस्थलों पर ही नहीं, बल्कि देश के कोने-कोने के शिवालयों में सावन के पहले सोमवार को विशेष पूजा-अर्चना की गई। भक्तों ने शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, धतूरा और भांग चढ़ाकर अपनी आस्था प्रकट की। मंदिरों में हर-हर महादेव के जयघोष और भजन-कीर्तन से माहौल शिवमय हो गया। सावन का पहला सोमवार भारतीय श्रद्धा, भक्ति और परंपरा का अद्भुत उत्सव है। इस दिन भगवान शिव के चरणों में समर्पित होकर भक्तजन अपने कष्टों से मुक्ति और मनोकामना पूर्ति की कामना करते हैं। देशभर के शिवालयों में जिस प्रकार का उत्साह, श्रद्धा और भक्तिभाव देखने को मिला, वह बताता है कि भगवान शिव आज भी जन-जन के आराध्य हैं और सावन उनका सबसे प्रिय महीना।