
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को औपचारिक रूप से अपना त्यागपत्र सौंप दिया। मंगलवार को राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया, जिससे देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद पर अचानक रिक्तता आ गई।
धनखड़ का इस्तीफा ऐसे समय पर आया है जब मानसून सत्र की शुरुआत हो चुकी है और संसद में कई अहम विधेयकों पर चर्चा होनी है। उनके इस्तीफे से राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज़ हो गई है। जगदीप धनखड़ ने अपने कार्यकाल में सदन की गरिमा बनाए रखते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिए और सरकार तथा विपक्ष के बीच संतुलन साधने की कोशिश की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, “जगदीप धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।” पीएम मोदी के इस संदेश में एक ओर जहां धनखड़ के योगदान की सराहना की गई, वहीं दूसरी ओर उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की गई।
धनखड़ 11 अगस्त 2022 को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति बने थे। इससे पहले वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और एक वरिष्ठ वकील के रूप में भी सेवा दे चुके हैं। उनके अचानक लिए गए इस फैसले से राजनीतिक विश्लेषकों और सांसदों के बीच कई अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या वास्तव में यह सिर्फ स्वास्थ्य कारणों से उठाया गया कदम है या इसके पीछे कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि भी है।
अब सवाल यह है कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा और क्या संसद के मौजूदा सत्र के दौरान इस पद को भरा जाएगा या चुनाव की प्रक्रिया बाद में शुरू होगी।