
हिमाचल प्रदेश में इस समय मानसून का कहर पूरे उफान पर है, और लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने राज्य में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। पहाड़ी इलाकों में हो रहे भूस्खलन के चलते सड़क, बिजली और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं ठप हो गई हैं। बारिश से जुड़ी घटनाओं ने न केवल आम लोगों के दैनिक जीवन को बाधित किया है, बल्कि कई जिलों में आपात स्थिति जैसा माहौल बना दिया है।
बुधवार सुबह तक मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण दो नेशनल हाईवे और 383 सड़कों को सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया है। सबसे ज्यादा असर मंडी और सिरमौर ज़िलों में देखने को मिला, जहां एक-एक नेशनल हाईवे भूस्खलन की चपेट में आने से पूरी तरह से ठप हो गया। राज्य के अन्य हिस्सों में भी कई संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को बाहर निकलने और ज़रूरी सेवाओं तक पहुंचने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
इसके साथ ही बिजली और पेयजल आपूर्ति पर भी गंभीर असर पड़ा है। कई क्षेत्रों में बिजली के खंभे गिरने और पानी की लाइनों के टूटने की खबरें आई हैं। राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन मौसम की मार ने इन प्रयासों को भी चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग और लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी प्रभावित इलाकों में सड़क खोलने और सेवाएं बहाल करने में जुटे हुए हैं। मौसम विभाग ने आने वाले कुछ दिनों तक और अधिक बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है।
प्रदेश सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और पहाड़ी या भूस्खलन संभावित इलाकों में जाने से परहेज़ करें। इस आपदा से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है और रेस्क्यू टीमों को तैनात किया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से समय रहते निपटा जा सके।