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कांवड़ यात्रा की मर्यादा पर उठे सवाल, अनुराधा पौडवाल ने अश्लीलता पर जताई नाराज़गी - The Indian Exposure

कांवड़ यात्रा की मर्यादा पर उठे सवाल, अनुराधा पौडवाल ने अश्लीलता पर जताई नाराज़गी

सावन का पावन महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और इसी दौरान कांवड़ यात्रा भी पूरे उत्तर भारत में श्रद्धा और भक्ति से ओतप्रोत होकर संपन्न होती है। लाखों शिवभक्त गंगाजल लेने हरिद्वार, गंगोत्री, गौमुख, ऋषिकेश जैसे तीर्थस्थलों की ओर पैदल या वाहनों के माध्यम से कूच करते हैं और फिर जल लेकर अपने क्षेत्र के शिव मंदिरों में जाकर भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं।

लेकिन इस धार्मिक आस्था और सनातन संस्कृति से जुड़ी यात्रा के बीच अब कुछ ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, जो इस परंपरा की पवित्रता पर सवाल खड़े कर रही हैं। हाल ही में एक ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें कांवड़ यात्रा के दौरान एक ट्रक पर दो महिला डांसर बेहद अश्लील और भड़काऊ डांस करती नजर आ रही हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि ट्रक के आसपास कई कांवड़िए मौजूद हैं और वे भी इस प्रदर्शन को देख रहे हैं।

यह वीडियो उत्तर प्रदेश के बलिया जिले का बताया जा रहा है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर भारी नाराजगी जताई जा रही है और कई लोगों ने इसे धार्मिक परंपरा का अपमान बताया है।

इस पर अब स्वर कोकिला और भजन गायन में विशेष पहचान रखने वाली प्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौडवाल ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस वीडियो पर कमेंट करते हुए लिखा – “ये बकवास बंद करो प्लीज”। उनका गुस्सा साफ दर्शाता है कि धार्मिक आयोजनों में इस तरह की गतिविधियों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भक्ति और मनोरंजन के नाम पर इस तरह की अश्लीलता ना केवल श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाती है, बल्कि सनातन परंपरा की गरिमा को भी धूमिल करती है।

अनुराधा पौडवाल, जिनकी पहचान भक्ति संगीत के क्षेत्र में बेहद प्रतिष्ठित है, पहले भी धार्मिक आयोजनों को लेकर समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य करती रही हैं। उनका मानना है कि कांवड़ यात्रा जैसी पवित्र यात्रा को मनोरंजन या तमाशे का रूप देने की कोशिश बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इस पर संबंधित प्रशासन को भी सख्ती से रोक लगानी चाहिए।

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक बहस भी छिड़ गई है कि आखिर धार्मिक आस्थाओं से जुड़े आयोजनों में ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं और क्या इनका उद्देश्य केवल भीड़ जुटाना रह गया है?

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