
लोकसभा में सोमवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर जबरदस्त बहस देखने को मिली। इस संवेदनशील मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपने-अपने विचार मजबूती से रखे। आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर सदन में अपना पक्ष रखा और स्पष्ट शब्दों में कहा कि “हम इस विषय पर सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं।”
“यह हमला केवल निर्दयी नहीं, बल्कि सुनियोजित पाकिस्तानी षड्यंत्र था” – राहुल गांधी
राहुल गांधी ने अपने भाषण में पहलगाम में हुए आतंकी हमले को क्रूर और अमानवीय बताया। उन्होंने कहा कि यह हमला केवल निर्दयी आतंकियों द्वारा नहीं, बल्कि पाकिस्तान सरकार द्वारा योजनाबद्ध और प्रायोजित रूप में किया गया षड्यंत्र है।
उन्होंने कहा –
“यह हमला हमारी माताओं, बहनों, बच्चों और बुजुर्गों के खिलाफ था। इस हमले में निर्दोष श्रद्धालुओं की हत्या की गई। यह केवल मानवता पर नहीं, बल्कि भारत की आत्मा पर हमला है। हम सभी ने—इस सदन के हर सदस्य ने—एक स्वर में पाकिस्तान की निंदा की है।”
“राष्ट्रहित में राजनीति नहीं, एकता ज़रूरी”
राहुल गांधी ने आगे कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दों पर राजनीतिक मतभेद नहीं होने चाहिए। उन्होंने सत्ता पक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि जहां राजनीति में विचारधारा की भिन्नता हो सकती है, वहीं राष्ट्र के सवाल पर सबको एकसाथ खड़ा होना चाहिए।
“हम सरकार के खिलाफ नहीं, देश के दुश्मनों के खिलाफ खड़े हैं।”
पूरे सदन की एकजुटता दिखाई दी
राहुल गांधी के बयान पर सत्ता पक्ष की ओर से भी सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली। सदन में मौजूद तमाम सदस्यों ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की निंदा करते हुए एकजुटता दिखाई। यह बहस संसद में उस दुर्लभ अवसरों में से एक रही, जब पक्ष और विपक्ष ने एक ही सुर में देश की सुरक्षा और एकता की बात की।
📢 निष्कर्ष:
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बहाने संसद में न केवल आतंकवाद पर सख्त रुख दिखा, बल्कि देश के प्रति प्रतिबद्धता भी देखने को मिली। राहुल गांधी का यह रुख दर्शाता है कि जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की हो, तो राजनीति से ऊपर उठकर सभी दलों को एक मंच पर आना चाहिए। संसद में उनकी यह अपील और समर्थन, विपक्ष की एक जिम्मेदार भूमिका का परिचायक रही।