उत्तराखंड पंचायत चुनाव: कल खुलेगा 32,580 उम्मीदवारों का किस्मत का ताला

देहरादून, 30 जुलाई 2025: उत्तराखंड के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का महासमर अब अपने निर्णायक चरण में पहुंच चुका है। 31 जुलाई को प्रदेशभर में 32,580 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम और मतपेटियों से बाहर आ जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने मतगणना की सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। सभी जिलों में मतगणना स्थलों को चिन्हित कर सुरक्षा के सख्त इंतज़ाम किए गए हैं। मतगणना मंगलवार सुबह 8 बजे से शुरू होगी और इसे लेकर प्रत्याशियों व उनके समर्थकों में उत्सुकता चरम पर है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने जानकारी दी कि इस बार चुनाव परिणामों को पारदर्शिता और सार्वजनिक पहुँच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयोग द्वारा अधिकृत वेबसाइट पर भी जारी किया जाएगा, जिससे मतदाता, प्रत्याशी और मीडिया ऑनलाइन भी हर अपडेट को रीयल-टाइम में देख सकेंगे।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में प्रदेश के कई पर्वतीय जिलों में जहां बारिश ने दस्तक दी, वहीं मतदाताओं ने भी भारी संख्या में अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र को मजबूत किया। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, इस चरण में कुल मतदान प्रतिशत 70% दर्ज किया गया, जिसमें 65.50% पुरुष और 74.50% महिलाएं शामिल थीं। यह महिला मतदाताओं की लोकतंत्र में बढ़ती भागीदारी का स्पष्ट संकेत है।

सोमवार को दूसरे चरण के अंतर्गत प्रदेश के 40 विकासखंडों के कुल 4,709 मतदान केंद्रों पर वोटिंग सुबह 8 बजे से शुरू हुई। इस चरण में कुल 21,57,199 मतदाता पंजीकृत थे, जिन्होंने दिनभर लंबी कतारों में खड़े होकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। बारिश से प्रभावित पर्वतीय क्षेत्रों में भी मतदान केंद्रों पर जबरदस्त भीड़ देखने को मिली, जो लोकतंत्र में जनता की गहरी आस्था को दर्शाता है। देहरादून और ऊधमसिंह नगर जैसे मैदानी जिलों में भी उत्साहपूर्वक वोटिंग हुई।

पहले चरण की बात करें तो इसमें 17,829 प्रत्याशी मैदान में थे और कुल 68% मतदान हुआ था। इस प्रकार दोनों चरणों को मिलाकर कुल 32,580 उम्मीदवारों का भाग्य अब मतपेटियों में बंद हो चुका है, जिनका फैसला 31 जुलाई को मतगणना के दौरान होगा।

चुनाव आयोग ने बताया कि 2019 के पंचायत चुनाव में कुल मतदान प्रतिशत 69.59% था। इस बार उम्मीद की जा रही थी कि यह आंकड़ा पार हो सकता है, लेकिन बारिश और मौसम की कुछ बाधाओं के कारण यह थोड़ा नीचे जा सकता है।

फिलहाल प्रदेशभर में मतगणना के लिए तैनात कर्मचारियों, सुरक्षा बलों और अधिकारियों की ड्यूटी निर्धारित कर दी गई है। मतगणना केंद्रों पर मोबाइल फोन प्रतिबंधित रहेंगे और सभी केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी।

इन चुनावों के परिणाम न केवल ग्राम पंचायत स्तर पर विकास की दिशा तय करेंगे, बल्कि यह भी दर्शाएंगे कि ग्रामीण जनता की प्राथमिकताएं और उम्मीदें किस ओर हैं।

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