
रूस के पूर्वी हिस्से कामचटका प्रायद्वीप और उसके आसपास के इलाके मंगलवार रात एक भीषण प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गए। रिक्टर स्केल पर 8.7 तीव्रता वाला शक्तिशाली भूकंप दर्ज किया गया, जिससे धरती थर्रा उठी और समुद्र में सुनामी का खतरा मंडराने लगा। इस विनाशकारी भूकंप के बाद करीब 30 बार अलग-अलग तीव्रता के झटके महसूस किए गए, जिनमें कुछ की तीव्रता 5.0 के पार थी। भूकंप का केंद्र कुरील द्वीप समूह के पास समुद्र की गहराई में रहा, जो रूस और जापान के बीच प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्थित है।
स्थानीय समय के अनुसार देर रात आए इस भूकंप के झटके इतने तेज़ थे कि लोगों को घरों से बाहर भागना पड़ा। सेवेरो-कुरील्स्क और पेट्रोपावलोव्स्क-कामचात्स्की जैसे शहरों में हजारों की संख्या में लोग खुले मैदानों की ओर भागते नज़र आए। इमारतें हिलने लगीं, घर के भीतर रखे सामान ज़मीन पर गिरने लगे, और कई स्थानों पर अस्थाई बिजली कटौती और संचार बाधाएं भी देखी गईं। भूकंप के चलते कई स्थानों पर अस्पतालों को अलर्ट मोड में डाल दिया गया और एयरपोर्ट्स व पोर्ट्स पर भी सतर्कता बढ़ा दी गई।
भूकंप के तुरंत बाद सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी और अमेरिकी सुनामी चेतावनी केंद्र (PTWC) ने जापान के होक्काइडो और रूस के पूर्वी तटीय क्षेत्रों में 30 सेंटीमीटर से 1 मीटर तक ऊंची लहरों के टकराने की आशंका जताई। रूस के प्रशासन ने सभी तटीय क्षेत्रों में इमरजेंसी अलर्ट जारी किया और तटीय निवासियों को ऊंचाई वाले स्थानों पर शिफ्ट करने के आदेश दिए।
भूकंप के झटकों के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि लोग डर के मारे सड़कों पर दौड़ रहे हैं, घरों की दीवारें दरक रही हैं, और कई जगहों पर दुकानों का सामान गिरकर बिखर गया है। वाहनों के शोर, चीख-पुकार और अफरातफरी का माहौल स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है। रूस के राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा अभी तक किसी बड़े नुकसान या जनहानि की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन भूकंप की तीव्रता को देखते हुए नुकसान की आशंका जताई जा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह क्षेत्र पहले से ही भूकंपीय रूप से सक्रिय रहा है। 1952 में भी इसी इलाके में 9.0 तीव्रता का भीषण भूकंप आया था, जिससे सुनामी उत्पन्न हुई थी और भारी तबाही हुई थी। इस बार भी विशेषज्ञों का मानना है कि समुद्र की गहराई में इतनी अधिक तीव्रता वाला भूकंप भविष्य में और झटकों का संकेत हो सकता है। रूस की सरकार और राहत एजेंसियां सतर्क हैं और NDRF जैसी टीमें मौके पर भेजी जा रही हैं।
फिलहाल, राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया गया है और लोगों को घरों में न रहने की सलाह दी जा रही है। शिक्षा संस्थान बंद कर दिए गए हैं और आपातकालीन केंद्रों में लोगों को शरण दी जा रही है। भारत सहित कई देशों ने रूस के प्रति संवेदना व्यक्त की है और जरूरत पड़ने पर मदद की पेशकश भी की है।