
उत्तराखंड सरकार ने पर्यटकों की सुरक्षा और सुविधाओं को प्राथमिकता देते हुए आज 1 अगस्त 2025 से मसूरी आने वाले सभी पर्यटकों के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। यह कदम उत्तराखंड की चारधाम यात्रा की तर्ज पर उठाया गया है, जिसमें यात्रियों की निगरानी और व्यवस्थाओं को नियंत्रित करने के लिए रजिस्ट्रेशन सिस्टम पहले से लागू है।
राज्य के पर्यटन सचिव धीरज सिंह गर्ब्याल ने इस नई व्यवस्था की जानकारी देते हुए कहा कि “इस प्रणाली के माध्यम से अब हम मसूरी आने वाले पर्यटकों की संख्या का सटीक आकलन कर पाएंगे। इससे न केवल भीड़ प्रबंधन में सहायता मिलेगी, बल्कि पर्यटकों को समय पर सही सुविधाएं, दिशा-निर्देश और मार्गदर्शन भी उपलब्ध कराया जा सकेगा।”
🌐 ऑनलाइन पोर्टल शुरू
पर्यटकों के पंजीकरण के लिए पर्यटन विभाग ने एक ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू किया है जहां पर्यटक अपनी यात्रा की तिथियों, वाहन, ठहराव और अन्य विवरण भर सकते हैं। यह प्रक्रिया निःशुल्क है और मोबाइल पर भी आसानी से की जा सकती है।
सचिव गर्ब्याल ने यह भी बताया कि यह एक पायलट मॉडल है जिसे फिलहाल मसूरी में लागू किया गया है, लेकिन जल्द ही राज्य के अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे नैनीताल, औली, टिहरी झील, रानीखेत और मुक्तेश्वर में भी यह रजिस्ट्रेशन व्यवस्था लागू की जाएगी।
🛡️ मुख्यमंत्री का बयान – “सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा, “मसूरी जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर बढ़ती भीड़ के चलते अब व्यवस्थाओं को टेक्नोलॉजी से जोड़ना जरूरी हो गया है। रजिस्ट्रेशन व्यवस्था पर्यटकों की सुविधा और उनकी सुरक्षा दोनों के लिए अनिवार्य है।”
सीएम धामी ने कहा, “मैं पहले भी यह कह चुका हूं और दोहराता हूं कि हमारे लिए सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। पर्यटकों की आवाजाही, आपातकालीन स्थिति में सहायता और संसाधनों का बेहतर प्रबंधन तभी संभव है जब हमारे पास उनकी सटीक जानकारी हो। इस दिशा में यह कदम बड़ा और प्रभावी साबित होगा।”
🏞️ क्यों जरूरी है यह पंजीकरण व्यवस्था?
- लगातार बढ़ती पर्यटक संख्या के चलते यातायात, पार्किंग और होटलों पर दबाव बढ़ रहा था।
- आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाएं और पुलिस सहायता के लिए पर्यटकों की सटीक जानकारी आवश्यक है।
- स्थानीय व्यापारियों और होटल व्यवसायियों को भी इससे सांख्यिकीय डेटा मिलेगा, जिससे वह अपनी सेवाएं बेहतर कर सकेंगे।
- प्राकृतिक आपदा या अन्य संकट की स्थिति में पर्यटकों तक त्वरित संपर्क और सहायता पहुंचाई जा सकेगी।
🔜 आगे क्या होगा?
पर्यटन विभाग आने वाले समय में इस रजिस्ट्रेशन प्रणाली को डिजिटल इंटीग्रेशन की ओर बढ़ाएगा, जिससे राज्य की अन्य सेवाओं जैसे होटल बुकिंग, ट्रैफिक मॉनिटरिंग, इमरजेंसी हेल्पलाइन और जीपीएस-आधारित ट्रैकिंग भी जोड़ी जा सकेगी। इस पूरे सिस्टम का उद्देश्य पर्यटन को सुगम, सुरक्षित और सतत बनाना है।
✅ कैसे करें रजिस्ट्रेशन?
- पर्यटक विभाग की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जाएं
- नाम, यात्रा तिथि, वाहन नंबर, होटल डिटेल आदि भरें
- एक ओटीपी के जरिए वेरिफाई करें
- सफल रजिस्ट्रेशन की कॉपी मोबाइल पर डाउनलोड करें