
देहरादून। उत्तराखंड की सड़कों पर बेतरतीब खुदाई और इसके चलते जनता को हो रही असुविधाओं को देखते हुए अब राज्य सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। लोक निर्माण विभाग (PWD) प्रदेश में एक नई नीति लाने की तैयारी में है, जिसके तहत बिजली, पानी, सीवर, दूरसंचार और अन्य निर्माण कार्यों के लिए सड़कों की खुदाई सिर्फ दो माह के भीतर ही सीमित रहेगी। इस नीति का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और इसे जल्द ही राज्य कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा।
🏗️ क्यों आई जरूरत इस नीति की?
उत्तराखंड में अक्सर देखने को मिलता है कि नई बनी सड़कों को कुछ ही महीनों बाद दूसरे विभाग अपने कार्यों के लिए खोद देते हैं। इस प्रक्रिया से न सिर्फ सरकार का पैसा बर्बाद होता है, बल्कि आमजन को ट्रैफिक जाम, धूल-मिट्टी और लंबी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। देहरादून की सहस्त्रधारा रोड सहित कई अन्य इलाकों में यह समस्या गंभीर रूप से सामने आई है।
हर बार सड़क बनते ही कोई न कोई विभाग, जैसे जल संस्थान, विद्युत निगम, टेलीकॉम कंपनियां या नगर निगम, अपनी लाइन डालने या सुधार कार्य के नाम पर उसे फिर से खोद देते हैं। इसके बाद सड़क मरम्मत में लापरवाही बरती जाती है, जिससे वह मार्ग खराब हो जाता है और दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है।
📜 नीति का उद्देश्य और प्रमुख बिंदु:
- सालभर सड़क खुदाई की छूट नहीं होगी, सिर्फ दो माह का समय तय होगा।
- विशेष परिस्थितियों को छोड़कर कोई भी विभाग इस अवधि के बाहर खुदाई नहीं कर पाएगा।
- खुदाई और कार्य पूर्ण करने की एक निश्चित समयसीमा तय की जाएगी।
- एसओपी (Standard Operating Procedure) बनाई जाएगी जिसमें खुदाई की प्रक्रिया, अनुमति प्रणाली और निगरानी शामिल होगी।
- नियम विरुद्ध खुदाई करने या सड़क को खराब करने पर संबंधित विभाग या एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
- सभी निर्माण एजेंसियों को नीति के तहत लाया जाएगा, जिनमें जल संस्थान, ऊर्जा निगम, नगर निगम, स्मार्ट सिटी परियोजना, टेलीकॉम कंपनियां आदि शामिल होंगी।
🛰️ तकनीक से जोड़ा जाएगा सड़क खुदाई का डाटा
सड़क कटान पर निगरानी बढ़ाने के लिए लोक निर्माण विभाग इस पूरी व्यवस्था को केंद्र सरकार के एक विशेष मोबाइल एप्लिकेशन से जोड़ने की योजना भी बना रहा है। इस एप के माध्यम से हर विभाग को अपनी खुदाई संबंधित जानकारी पहले से दर्ज करनी होगी और उसी के अनुसार लोक निर्माण विभाग निगरानी व अनुमति देगा। इससे एक पारदर्शी और ट्रैकिंग-आधारित प्रणाली विकसित होगी।
👨💼 सचिव पीडब्ल्यूडी का बयान
लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. पंकज पांडेय ने जानकारी दी कि यह नीति राज्य के हित में अत्यंत आवश्यक थी। उन्होंने बताया कि नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है और जल्द ही इसे मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि,
“सड़कों की अंधाधुंध खुदाई से जनहानि और वित्तीय हानि दोनों हो रही थी। यह नीति उस पर अंकुश लगाएगी और कार्यों में समन्वय भी बढ़ाएगी।”
📍 उत्तराखंड की पहली सड़क खुदाई समय-सीमा नीति
उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में सड़क खुदाई के लिए पहले से ही समयसीमा तय है, लेकिन उत्तराखंड में अब तक इस विषय पर कोई स्पष्ट नीति नहीं थी। अब पहली बार इस तरह की व्यवस्थित नीति लाई जा रही है, जो निर्माण गतिविधियों में सुसंगतता, पारदर्शिता और जवाबदेही लाने में मदद करेगी।
यह नीति एक ओर जहां सरकार को राजस्व हानि से बचाएगी, वहीं दूसरी ओर आम जनता को यातायात और जीवन की सहूलियत प्रदान करेगी। साथ ही विभिन्न विभागों में कार्य समन्वय और उत्तरदायित्व तय करने की दिशा में भी यह एक बड़ी पहल होगी।