“उत्तरकाशी बादल फटना: तेज़ हवाओं में डगमगाया चिनूक, जनरेटर सहित चिन्यालीसौड़ में की सुरक्षित लैंडिंग”

उत्तरकाशी जिले के धराली और आसपास के क्षेत्रों में बादल फटने और भूस्खलन की भीषण आपदा के बाद राहत और बचाव कार्यों ने रफ्तार पकड़ ली है। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें दिन-रात मोर्चे पर जुटी हैं। पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश और खराब मौसम राहत कार्यों के सामने सबसे बड़ी चुनौती बनकर खड़ी है, लेकिन जज़्बे और समर्पण के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

लिमचिगाढ़ में बैली ब्रिज का निर्माण शुरू

क्षेत्र में यातायात और राहत सामग्री की आपूर्ति बहाल करने के लिए लिमचिगाढ़ में बैली ब्रिज बनाने का काम तेज़ी से शुरू कर दिया गया है। सेना और BRO के जवान मिलकर दिन-रात काम कर रहे हैं ताकि कटे हुए गांवों तक जल्द पहुंच बनाई जा सके।

सीएम धामी का पीड़ितों से सीधा संवाद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली आपदा स्थल का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने उन्हें सुरक्षा और हरसंभव सरकारी सहायता का भरोसा दिया। सीएम ने मातली हेलीपैड और धराली क्षेत्र में राहत-बचाव कार्यों की निगरानी की और अधिकारियों से लगातार अपडेट लेते रहे। उन्होंने साफ कहा कि “जब तक अंतिम व्यक्ति को सुरक्षित नहीं निकाला जाता, राहत अभियान जारी रहेगा।”

मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विज्ञान केंद्र ने उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में तेज बारिश की चेतावनी जारी की है। देहरादून, उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी, बागेश्वर, पिथौरागढ़, ऊधमसिंह नगर, चम्पावत और नैनीताल जिलों में येलो अलर्ट लागू है। 13 अगस्त तक हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना जताई गई है, जो राहत कार्यों को प्रभावित कर सकती है।

संचार सेवाएं बहाल

आपदा के कारण बाधित जियो और एयरटेल की सेवाएं क्षेत्र में फिर से शुरू हो गई हैं, जिससे राहत कार्यों के समन्वय में आसानी हो रही है।

चिनूक हेलिकॉप्टर की चुनौती और सुरक्षित लैंडिंग

भारी जनरेटर लेकर उत्तरकाशी आपदाग्रस्त क्षेत्र की ओर जा रहा भारतीय वायुसेना का चिनूक हेलिकॉप्टर तेज हवाओं के कारण अस्थिर हो गया। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसे चिन्यालीसौड़ में सुरक्षित लैंडिंग करनी पड़ी। मौसम सुधरने के बाद जनरेटर को गंतव्य तक भेजने की योजना बनाई गई है।

अब तक 113 लोगों को सुरक्षित निकाला गया

आज सुबह 11 बजे तक धराली-हर्षिल से 113 लोगों को निकालकर मातली हेलीपैड पहुंचाया गया, जहां से उन्हें उनके गंतव्य के लिए रवाना किया गया।

सड़कें बनी सबसे बड़ी बाधा

  • मनेरी: उत्तरकाशी से धराली मार्ग पर मनेरी के पास सड़क का हिस्सा भागीरथी में बह गया, जिसे अस्थायी रूप से कच्चा रास्ता बनाकर बहाल किया गया है, लेकिन नदी का बहाव अभी भी खतरा बना हुआ है।
  • भटवाड़ी: यहां दो स्थानों पर चट्टानें गिरने से सड़क पूरी तरह बाधित हो गई थी। सेना और BRO ने अस्थायी मार्ग बनाकर छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू कराई है।
  • गंगनानी: यहां एक पुल बह गया है, जिसे फिर से बनाने की योजना तैयार की जा रही है।
  • डबरानी: सड़क का बड़ा हिस्सा बह जाने से आगे बढ़ना कठिन हो गया है, जवानों को आशंका है कि आगे और क्षतिग्रस्त हिस्से मिल सकते हैं।

चीन सीमा से मशीनें एयरलिफ्ट

भारतीय वायुसेना ने चिनूक हेलिकॉप्टर की मदद से चीन सीमा से पोकलैंड मशीनों को धराली एयरलिफ्ट किया है, ताकि मलबा हटाने और रास्ता खोलने का काम तेज़ी से हो सके।

ISRO की सैटेलाइट तस्वीरों ने दिखाई तबाही

इसरो द्वारा जारी सैटेलाइट तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि धराली में 20 हेक्टेयर क्षेत्र में मलबा फैला है। नदी का रास्ता पूरी तरह बदल गया है, कई इमारतें जलमग्न या पूरी तरह ध्वस्त हो गई हैं।

केंद्र की टीम करेगी दौरा

अगले सप्ताह केंद्र की अंतर-मंत्रालयी टीम आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करेगी। यह टीम नुकसान का आकलन करेगी और पुनर्निर्माण व राहत कार्यों की रणनीति बनाएगी। केंद्र सरकार ने हरसंभव आर्थिक सहायता का आश्वासन दिया है।

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