
उत्तर प्रदेश विधानसभा में लगातार 18 घंटे तक चलने वाले सत्र में कई नाटकीय और अप्रत्याशित पल देखने को मिले। इस दौरान दो बीजेपी विधायकों के बीच झड़प हुई, वहीं समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार की खुलेआम तारीफ कर सबका ध्यान खींचा।
पूजा पाल, जो प्रयागराज से सपा की विधायक हैं, ने विधानसभा में कानून व्यवस्था में सुधार और मुख्यमंत्री की “जीरो टॉलरेंस पॉलिसी” की सराहना की। उन्होंने कहा कि उनके पति राजू पाल के हत्यारे अतीक अहमद को खत्म किया गया, और यही जीरो टॉलरेंस पॉलिसी का परिणाम है।
पूजा पाल ने कहा, “मेरे पति का हत्यारा, अतीक अहमद, समाप्त कर दिया गया; यही योगी जी की जीरो टॉलरेंस नीति का असर है। मेरी शादी के केवल नौ दिन बाद मेरे पति की हत्या कर दी गई थी। प्रयागराज में जो कुछ हुआ, वह किसी ने सोचा भी नहीं था। मैं बहुत गरीब परिवार से आती हूं, लेकिन वहां के लोगों ने अपना पैसा खर्च कर यह सुनिश्चित किया कि मैं चुनाव लड़ सकूं और जीत सकूं। मैंने अकेले माफिया और अन्याय के खिलाफ संघर्ष किया। हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो हनुमान जी के भक्त हैं, ने मुझे न्याय दिलाया।”
उन्होंने आगे कहा, “हर कोई जानता है कि मेरे पति की हत्या किसने की थी। मैं मुख्यमंत्री का धन्यवाद करना चाहती हूं कि उन्होंने मुझे न्याय दिलाया और मेरी बात सुनी, जब किसी ने नहीं सुनी। सीएम ने प्रयागराज में मेरी तरह कई महिलाओं को न्याय दिलाया है। उनकी जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के कारण ही अपराधियों जैसे अतीक अहमद का सफाया हुआ। आज पूरा राज्य मुख्यमंत्री पर विश्वास करता है।”
पूजा पाल ने कहा, “मुख्यमंत्री ने मेरा दर्द देखा और न्याय दिलाया। मेरे जैसे अनगिनत पीड़ितों के लिए भी मुख्यमंत्री योगी ने यही किया। मैं उनका धन्यवाद करती हूं कि उन्होंने जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई और मेरे पति के हत्यारे को दंडित किया।”
बताते चलें कि फरवरी 2005 में बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की प्रयागराज के धूमनगंज आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 2007 में पूजा पाल के भाई उमेश पाल का अपहरण किया गया था और उन्हें राजू पाल की हत्या के मामले में गवाही न देने के लिए धमकाया गया था। फरवरी 2023 में उमेश पाल की भी हत्या कर दी गई, जिसमें अतीक अहमद मुख्य आरोपी था। कुछ महीनों बाद अतीक और उनके भाई अशरफ को पुलिस एस्कॉर्ट में रहते हुए गोली मारकर खत्म कर दिया गया।
यह घटना और पूजा पाल का विधानसभा में भाषण राज्य में कानून व्यवस्था और मुख्यमंत्री की नीतियों पर जनता के दृष्टिकोण को फिर से उजागर करता है।