“उत्तराखंड में मौसम का मिजाज़ बिगड़ा: पांच जिलों में बारिश व बाढ़ का अलर्ट”

देहरादून। उत्तराखंड में मौसम एक बार फिर से बिगड़ गया है और अगले कुछ दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। निचले इलाकों में हुई हल्की बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे मौसम सुहावना जरूर हुआ, लेकिन खतरे के बादल भी मंडराने लगे हैं। मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून ने शुक्रवार को राज्य के कई जिलों के लिए भारी बारिश के संकेत देते हुए अलर्ट जारी किया है।मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, बागेश्वर और चम्पावत जिले के कुछ हिस्सों में तेज बारिश की संभावना है, जिसके लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा राज्य के अन्य जिलों में भी बिजली चमकने के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। विभाग का कहना है कि पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में मौसम का यह दौर आने वाले दिनों में और तेज हो सकता है।मौसम विज्ञान केंद्र ने 16 अगस्त को देहरादून, बागेश्वर और नैनीताल के कुछ इलाकों में भारी से भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसका मतलब है कि इस दिन विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता होगी। वहीं, 18 अगस्त तक पूरे उत्तराखंड में तेज दौर की बारिश होने का अनुमान है, जो नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ा सकती है।इसी बीच, मौसम विज्ञान विभाग के हाइड्रोमेट डिवीजन ने शुक्रवार सुबह 11:30 बजे तक के लिए बाढ़ के खतरे की चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी में अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चम्पावत, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल और उत्तरकाशी जैसे 12 जिलों में बाढ़ की आशंका जताई गई है।स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देश दिया है कि वे लोगों को सचेत करें, सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए प्रेरित करें और सभी आवश्यक सावधानियां बरतें। साथ ही, आपदा से निपटने के लिए जिला प्रशासन को राहत और बचाव दलों को तैयार रखने को कहा गया है।विशेषज्ञों के अनुसार, इस समय राज्य में हो रही लगातार बारिश भूस्खलन, सड़क अवरोध और जलभराव की स्थिति भी पैदा कर सकती है। इसलिए यात्रियों और स्थानीय निवासियों को सावधानी बरतने, मौसम के पूर्वानुमान पर नज़र रखने और नदी-नालों के पास जाने से बचने की सलाह दी गई है।उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में मानसून का यह चरण लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है, लेकिन समय रहते सतर्कता और प्रशासनिक तैयारियां बड़े नुकसान से बचा सकती हैं।

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