
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के बयान ने राजनीतिक और सामाजिक बहस को गरमा दिया है। उन्होंने मीडिया के सामने कहा कि मध्य प्रदेश की महिलाएं सबसे ज्यादा शराब पीती हैं। इस बयान के बाद सियासी पारा चढ़ गया और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे लाड़ली बहनों का अपमान बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने महिलाओं को शराबी बताकर उनका घोर अपमान किया है और जनता इस अपमान का हिसाब जरूर चुकाएगी। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मांग की कि पटवारी से माफी मांगी जाए और उन्हें पद से हटाया जाए।
सीएम ने बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा महिलाओं का सम्मान नहीं किया है और पटवारी का यह बयान उनकी छोटी मानसिकता का उदाहरण है। डॉ. यादव ने यह भी कहा कि आज हरतालिका तीज के दिन, जब महिलाएं त्योहार की खुशियाँ मनाती हैं, उनका अपमान किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश की महिलाओं के सम्मान के लिए उनकी सरकार पूरी सतर्क है।
इस मामले पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने भी पलटवार किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि मध्य प्रदेश में महिलाओं को लेकर पटवारी का बयान न केवल अपमानजनक है, बल्कि कांग्रेस की महिला विरोधी मानसिकता का अशोभनीय उदाहरण है। सुधांशु ने कहा कि यह बयान यह दर्शाता है कि कांग्रेस का चेहरा कितना महिला विरोधी है और प्रदेश की बहनों के अपमान को खुले तौर पर स्वीकार कर रही है।
प्रदेश में इस बयान के बाद सामाजिक और राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विपक्ष और कार्यकर्ताओं ने इसे महिला सम्मान के खिलाफ बताया है और कहा कि ऐसे बयान सिर्फ सियासत को गर्माने और ध्यान आकर्षित करने के लिए दिए जाते हैं। वहीं, कांग्रेस के अंदर भी इस बयान को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के विवादित बयान पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं और आगामी चुनावों में इसका राजनीतिक असर भी पड़ सकता है।
इस पूरे विवाद ने मध्य प्रदेश की सियासत में नया मोड़ ला दिया है, जहां जनता और राजनीतिक दल दोनों ही इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। साफ है कि पटवारी के इस बयान ने महिला सम्मान और सियासी विवेक के मुद्दे को फिर से उभारा है।