
हरिद्वार में रविवार सुबह बड़ा हादसा होते-होते टल गया, जब भीमगोड़ा काली मंदिर टनल के पास अचानक भूस्खलन हो गया। भूस्खलन इतना तीव्र था कि पहाड़ से भारी मात्रा में मलबा सीधे रेलवे ट्रैक पर आ गिरा। इससे हरिद्वार-देहरादून-ऋषिकेश रूट पर ट्रेनों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई। जानकारी मिलते ही रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया और तुरंत टीमें राहत एवं मलबा हटाने के कार्य में जुट गईं।
भूस्खलन से न केवल रेलवे ट्रैक बाधित हुआ, बल्कि काली मंदिर परिसर के आसपास भी भारी मात्रा में मलबा जमा हो गया। इससे श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों में दहशत फैल गई। फिलहाल रेलवे ट्रैक पर मलबा हटाने के लिए मशीनरी और श्रमिक लगातार काम कर रहे हैं। जब तक ट्रैक पूरी तरह साफ नहीं हो जाता, देहरादून और ऋषिकेश जाने वाली ट्रेनों को हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर ही रोके जाने का निर्णय लिया गया है।
यह क्षेत्र पहले भी भूस्खलन की चपेट में आ चुका है। बता दें कि 5 अगस्त को भी इसी स्थान पर बड़ा भूस्खलन हुआ था। उस दौरान दो बाइक सवार बाल-बाल बच गए थे, जो मलबे की चपेट में आने से कुछ ही क्षणों के लिए मौत से सामना कर बैठे थे। उस समय भी कई घंटों तक ट्रेनों की आवाजाही बाधित रही थी।
विशेषज्ञों का कहना है कि काली मंदिर टनल क्षेत्र भू-धंसाव और भूस्खलन के लिहाज से संवेदनशील जोन है। मानसून के दौरान यहां लगातार खतरा बना रहता है। फिलहाल रेलवे प्रशासन और जिला प्रशासन ने मिलकर राहत कार्य शुरू कर दिया है और जल्द से जल्द ट्रैक को चालू करने का आश्वासन दिया गया है।