
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 आज संसद भवन में बेहद रोचक माहौल के बीच संपन्न हो रहा है। पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद यह चुनाव और भी अहम हो गया है। मुकाबला एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल रह चुके सी. पी. राधाकृष्णन तथा विपक्ष समर्थित सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच है। सुबह 10 बजे से शुरू हुई वोटिंग शाम 5 बजे तक चलेगी। इसमें लोकसभा और राज्यसभा के सांसद गुप्त मतदान प्रणाली के तहत अपने वोट डाल रहे हैं।
संख्या बल में एनडीए मजबूत
विशेषज्ञों के अनुसार, इस चुनाव में एनडीए का पलड़ा भारी है क्योंकि भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के पास लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में पर्याप्त संख्या बल है। हालांकि, विपक्षी INDIA ब्लॉक को उम्मीद है कि कुछ सांसद क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। यही कारण है कि चुनावी समीकरणों को लेकर दिनभर हलचल बनी हुई है।
नेताओं की वोटिंग और बयानबाज़ी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले संसद पहुंचकर वोट डाला। उनके बाद गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और किरेन रिजिजू ने भी मतदान किया। कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, मल्लिकार्जुन खरगे और शशि थरूर जैसे दिग्गज नेताओं ने अपने वोट डाले।
इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी साथ-साथ वोट डालने पहुंचे और दोनों नेताओं की हाथ पकड़कर प्रवेश करने की तस्वीर चर्चा में रही।
विपक्ष और एनडीए आमने-सामने
डीएमके प्रवक्ता सरवनन अन्नादुरई ने कहा कि, “यह चुनाव बताता है कि किसे देश की परवाह है। एक ओर पूर्व न्यायाधीश हैं, तो दूसरी ओर आरएसएस से जुड़े उम्मीदवार।” उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि, “अगर राधाकृष्णन जीतते हैं तो उनका हश्र धनखड़ जैसा नहीं होना चाहिए।”
वहीं, भाजपा सांसद पीपी चौधरी ने दावा किया कि एनडीए उम्मीदवार को विपक्षी सांसदों का भी समर्थन मिलेगा। केंद्रीय राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने इसे महज औपचारिकता बताया और जीत का भरोसा जताया।
विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने कहा, “मैं केवल लोगों की अंतरात्मा को जगाने की कोशिश कर रहा हूं। हमें पूरा विश्वास है कि हम जीतेंगे।”
किन दलों ने बनाई दूरी
शिरोमणि अकाली दल, बीआरएस और बीजेडी ने उपराष्ट्रपति चुनाव से दूरी बना ली है। वहीं, निर्दलीय सांसद सरबजीत सिंह खालसा और अमृतपाल सिंह ने भी मतदान में हिस्सा नहीं लिया। अकाली दल ने इसके पीछे बाढ़ राहत प्रबंधन में केंद्र और राज्य सरकार की विफलता को जिम्मेदार ठहराया।
मतदान की प्रक्रिया
उपराष्ट्रपति चुनाव निर्वाचक मंडल द्वारा संपन्न होता है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के कुल 788 सदस्य शामिल होते हैं। यह मतदान एकल संक्रमणीय आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली (Single Transferable Vote System) के तहत होता है। सांसद अपने मतपत्र पर उम्मीदवारों के नाम के आगे 1, 2, 3… इस तरह प्राथमिकता अंकित करते हैं। मतगणना में पहले प्राथमिकता वाले वोटों को गिना जाता है और यदि कोई उम्मीदवार बहुमत प्राप्त नहीं करता है तो सबसे कम वोट पाने वाले को हटाकर वोटों का ट्रांसफर किया जाता है। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक कोई उम्मीदवार बहुमत हासिल नहीं कर लेता।
माहौल और नतीजों का इंतजार
संसद भवन में दिनभर वोटिंग का उत्साह रहा। पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा भी व्हीलचेयर पर वोट डालने पहुंचे। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और कई अन्य सांसदों ने भी मतदान किया। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि विपक्ष अंतरात्मा की बात करता है, लेकिन भाजपा ‘विकसित भारत’ के लिए अंतरात्मा की आवाज पर वोट देती है।
सभी की निगाहें अब वोटों की गिनती पर टिकी हैं। संख्या बल के हिसाब से एनडीए उम्मीदवार की जीत लगभग तय मानी जा रही है, लेकिन विपक्ष को अब भी क्रॉस वोटिंग की उम्मीद है। नतीजे सामने आने पर ही साफ होगा कि देश का नया उपराष्ट्रपति कौन होगा।