
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से पूर्वोत्तर भारत के विशेष दौरे पर हैं। यह दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक और विकास की नई राह खोलने वाला है। प्रधानमंत्री ने मिजोरम, मणिपुर सहित पाँच राज्यों का दौरा तय किया है, जहाँ वे कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे।
मणिपुर में हिंसा के दो साल बाद यह पहला अवसर है जब पीएम मोदी वहां जा रहे हैं। उनका यह दौरा न केवल राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से, बल्कि विकास की दृष्टि से भी अत्यंत अहम है।
पूर्वोत्तर में निवेश का नया रास्ता
पीएम मोदी ने राइजिंग नॉर्थ ईस्ट शिखर सम्मेलन में कहा कि पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक संपदा पूरे देश और विदेश के लिए प्रेरणा है। उन्होंने निवेशकों को यहां की क्षमता का लाभ उठाने का आह्वान किया। मोदी ने कहा कि “जब मैं वोकल फॉर लोकल की बात करता हूं, तो पूर्वोत्तर के किसानों और कारीगरों को सीधा लाभ मिलता है।” उन्होंने मिजोरम के बांस के उत्पाद, जैविक अदरक, हल्दी और केले को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का संकल्प भी दोहराया।
11 साल से हो रहा है पूर्वोत्तर का कायाकल्प
प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 11 वर्षों से केंद्र सरकार लगातार पूर्वोत्तर की तस्वीर बदलने के लिए काम कर रही है। रेलवे, सड़क, मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी, बिजली, नल जल और एलपीजी जैसी बुनियादी सुविधाओं का जाल यहाँ फैलाया गया है। उन्होंने घोषणा की कि जल्द ही मिजोरम में हेलीकॉप्टर सेवा भी शुरू होगी, जिससे दूरदराज के इलाकों तक पहुंच आसान हो जाएगी।
मिजोरम की ऐतिहासिक उपलब्धि: पहली बार रेल से जुड़ा
आज मिजोरम ने एक नया इतिहास रच दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने 8,070 करोड़ रुपये की लागत से बनी बैराबी-सैरांग नई रेल लाइन का उद्घाटन किया, जिसने पहली बार मिजोरम की राजधानी को भारतीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ा। इस अत्यंत कठिन परियोजना के तहत 45 सुरंगें, 55 बड़े पुल और 88 छोटे पुल बनाए गए हैं। यह कार्य न केवल इंजीनियरिंग की मिसाल है बल्कि पूर्वोत्तर की भौगोलिक चुनौतियों पर विजय भी है।
मिजोरम की विकास यात्रा में नया अध्याय
पीएम मोदी ने कहा कि चाहे स्वतंत्रता आंदोलन हो या राष्ट्र निर्माण, मिजोरम के लोग हमेशा देश के साथ खड़े रहे हैं। त्याग, सेवा, साहस और करुणा – यही मूल्य मिजो समाज के केंद्र में हैं। अब मिजोरम भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया को जोड़ने वाले आर्थिक गलियारे का अहम हिस्सा बनने जा रहा है। कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट परियोजना और सैरांग-ह्मांगबुचुआ रेलवे लाइन के जरिए मिजोरम बंगाल की खाड़ी और दक्षिण-पूर्व एशिया तक जुड़कर व्यापार और पर्यटन का बड़ा केंद्र बनेगा।
खराब मौसम के चलते पीएम मोदी सभास्थल तक नहीं पहुंच पाए, लेकिन उन्होंने ऑनलाइन ही रेल लाइन का उद्घाटन किया और जनता को इस ऐतिहासिक उपलब्धि की सौगात दी।