
अब परिवहन और पुलिस विभाग के कर्मचारियों को जब्त वाहनों को रखने के लिए थानों और चौकियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। बढ़ती अव्यवस्था को देखते हुए परिवहन विभाग ने फैसला किया है कि सीज वाहन अब परिवहन कार्यालयों के पास ही बने नए स्टोरेज स्थलों पर खड़े किए जाएंगे। इसके लिए विभाग ने अलग-अलग शहरों में सरकारी जमीन तलाशने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पहले चरण में ऋषिकेश, हरिद्वार और पौड़ी के परिवहन कार्यालयों के आसपास उपयुक्त भूमि चिह्नित की जा चुकी है। अगले चरण में अन्य संभागीय और सहायक परिवहन कार्यालयों के पास भी ऐसी ही जगहें निर्धारित की जाएंगी।
राज्य में रोजाना करीब चार से पाँच हजार वाहन चालान की कार्रवाई में आते हैं। दस्तावेज पूरे न होने या दुर्घटना में शामिल होने पर बड़ी संख्या में वाहनों को सीज किया जाता है, जिन्हें अब तक थानों और चौकियों में ही खड़ा किया जाता था। कई वाहन मालिक इन्हें छुड़ाने नहीं आते, जबकि कुछ अदालतों में चल रहे मामलों के कारण महीनों–सालों वहीं खड़े रहते हैं, जिससे थानों में जगह की भारी कमी हो जाती है।
स्थिति यह हो गई थी कि कुछ थाने नए जब्त वाहनों को रखने से भी मना करने लगे थे। कई मौकों पर स्थान न होने के कारण पुलिस व परिवहन कर्मियों को वाहन जब्त करने की बजाय चालान काटकर ही छोड़ना पड़ता था।
इस अव्यवस्था को दूर करने के लिए परिवहन विभाग ने सीज वाहनों के लिए अलग स्टोरेज ज़ोन विकसित करने का निर्णय लिया है। अपर परिवहन आयुक्त एस.के. सिंह के अनुसार, सभी क्षेत्रीय और सहायक कार्यालयों को अपने आसपास उपयुक्त सरकारी भूमि चिह्नित करने के निर्देश दे दिए गए हैं।