
वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली में बुधवार से बीएस-4 डीजल बसों के प्रवेश पर लगाए गए प्रतिबंध ने उत्तराखंड परिवहन निगम की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। निगम को सबसे अधिक चिंता प्रीमियम यात्रियों के लिए चलाई जा रही सुपर डीलक्स वोल्वो बसों को लेकर है, क्योंकि इनमें से अधिकांश बीएस-4 डीजल श्रेणी की हैं।
परिवहन निगम के बेड़े में कुल 53 वोल्वो बसें हैं, जिनमें से 41 बीएस-4 मानक की हैं। केवल 12 वोल्वो बसें ही बीएस-6 श्रेणी की हैं, जिन्हें दिल्ली में प्रवेश की अनुमति मिल रही है। बुधवार को स्थिति यह रही कि आधा दर्जन से अधिक वोल्वो बस सेवाएं रद्द करनी पड़ीं, जबकि जो बसें संचालित हुईं, वे भी दिल्ली आईएसबीटी तक नहीं जा सकीं और उन्हें नोएडा सेक्टर-62 पर ही रोक दिया गया। इससे यात्रियों को आगे की यात्रा के लिए वैकल्पिक साधन तलाशने पड़े।
दिल्ली आईएसबीटी तक बसें न पहुंच पाने के कारण ऑनलाइन टिकट बुक कर चुके कई यात्री बसों का इंतजार करते रह गए। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में डीजल बसों पर संभावित प्रतिबंध की जानकारी पहले से होने के बावजूद उत्तराखंड परिवहन निगम के अधिकारी अब तक किसी ठोस तैयारी में नहीं जुटे थे। लेकिन बुधवार से अचानक लागू हुए प्रतिबंध ने निगम प्रशासन को उधेड़बुन में डाल दिया है।
वर्तमान में उत्तराखंड से दिल्ली के लिए रोजाना संचालित होने वाली करीब 540 बसों में से अब केवल 348 बसों को ही दिल्ली में प्रवेश की अनुमति मिल पा रही है। इनमें भी 12 वोल्वो बसों को छोड़ दिया जाए तो बाकी सभी साधारण श्रेणी की बसें हैं।
परिवहन निगम अब अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रहा है, लेकिन असली चुनौती वोल्वो बसों की कमी को पूरा करने की है। प्रदेश में संचालित 53 वोल्वो बसों में से 23 केवल देहरादून से दिल्ली मार्ग पर चलती हैं। अधिकांश बसें बीएस-4 श्रेणी की होने के कारण अब प्रतिबंध की जद में आ गई हैं।
पिछले वर्ष बस आपरेटरों द्वारा 12 नई बीएस-6 वोल्वो बसें शामिल की गई थीं, लेकिन शेष बसें पुरानी होने के कारण दिल्ली नहीं जा पा रही हैं। ऐसे में परिवहन निगम अब वोल्वो बस आपरेटरों से बीएस-6 या सीएनजी बसें उपलब्ध कराने का आग्रह कर रहा है और दिल्ली मार्ग के लिए नई बसें उपलब्ध कराने में लगने वाले समय का भी आकलन किया जा रहा है