
मौसम के मिज़ाज में आए अचानक बदलाव ने शहर और ग्रामीण क्षेत्रों को पूरी तरह अपनी गिरफ्त में ले लिया है। बुधवार सुबह से ही पूरा इलाका घने कोहरे की चादर में लिपटा नजर आया। चारों ओर फैली धुंध के कारण सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ और लोगों को घर से बाहर निकलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
ठंड के बढ़ते असर के चलते लोग केवल बेहद जरूरी कामों के लिए ही घरों से बाहर निकले। सर्द हवाओं ने कंपकंपी बढ़ा दी, जिससे शहर की गलियों और मोहल्लों में सुबह से ही सन्नाटा पसरा रहा। बाजारों में भी दिनभर अपेक्षाकृत कम रौनक देखने को मिली, वहीं शाम होते ही गतिविधियां और भी कम हो गईं।
घने कोहरे का असर यातायात व्यवस्था पर भी साफ दिखाई दिया। हरिद्वार–नजीबाबाद हाईवे सहित राष्ट्रीय राजमार्ग पर दृश्यता बेहद कम रही, जिसके कारण वाहन रेंगते हुए चलते नजर आए। दिन के समय भी वाहन चालकों को हेडलाइट जलाकर सावधानीपूर्वक गाड़ियां चलानी पड़ीं। रोडवेज बस अड्डे और रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में काफी कम रही।
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार हरिद्वार में तापमान में एक ही दिन में भारी गिरावट दर्ज की गई। मंगलवार को जहां अधिकतम तापमान 21.5 डिग्री सेल्सियस था, वहीं बुधवार को यह गिरकर 13.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। इस प्रकार करीब आठ डिग्री की गिरावट के साथ बुधवार को इस सीजन का अब तक का सबसे ठंडा दिन रिकॉर्ड किया गया।
सुबह के समय गंगा घाटों पर भी अंधेरे जैसी स्थिति बनी रही और देर तक सूर्यदेव के दर्शन नहीं हो सके। मंगलवार रात से शुरू हुआ कोहरा सुबह होते-होते और घना हो गया, जो पूरे दिन बना रहा। ठंड से बचने के लिए लोग बाजारों और आसपास के इलाकों में अलाव जलाकर राहत पाने की कोशिश करते नजर आए। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट की संभावना जताई है, जिससे ठंड का असर और बढ़ सकता है।