दिल्ली के बाजारों में अक्षय तृतीया और ईद की धूम ,सुरक्षा चाक-चौबंद

दिल्ली में त्योहारों की बहार है। आज अक्षय तृतीया है। ईद भी है। आज के दिन ग्रहों का संयोग कुछ ऐसा बन रहा है, जिससे त्योहार का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है।

परंपरा के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन सोने की खरीदारी का प्रचलन है। लिहाजा, दिल्ली के कूंचा महाजनी से लेकर दरीबां व स्थानीय बाजारों में सोने-चांदी के जेवरात सज गए हैं। चांद से चमके बाजार में अब ग्राहकों का इंतजार है।

अक्षय तृतीया को लेकर आभूषण बाजार में रौनक बढ़ गई है। इस दौरान शादी विवाह के लिए भी लगन है। लिहाजा, दुकानदारों की उम्मीदें भी बढ़ गई है, लेकिन खरीदारी के ट्रेंड को देखते हुए बाजार में बहुत अधिक उत्साह नहीं है। जूलरों का मानना है कि पिछले महीने सोने का 30 प्रतिशत आयात कम हुआ है। लिहाजा, खरीदारी की संभावना कम है। 

दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव प्रेम प्रकाश शर्मा का कहना है कि नवरात्र के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि व्यापार में काफी गिरावट आई है। सोना आम आदमी की पहुंच से दूर चला गया है। पुराने सोने को ही उलट-पुलट करके लोग काम चला रहे हैं। दरिबां ज्वेलर्स एसोसिएशन के तरूण का कहना है कि सोने की कीमत टूटने से उम्मीद बढ़ी है। बाजार में हर तरह के जूलर मौजूद है। 

बस इंतजार है तो ग्राहकों का। सोमवार को तो ज्यादा खरीदारी नहीं हुई। उम्मीद है कि मंगलवार को लोग सराफा बाजार पहुंचेंगे। द बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन कूचा महाजनी के चेयरमैन योगेश सिंघल ने बताया कि जब तक सोने का भाव 50 हजार रुपया प्रति तोला से नीचे नहीं आएगा, तब तक लोग इससे दूरी बनाए रखेंगे। महंगाई की वजह से लोग बचत नहीं कर पा रहे हैं।

ईद पर बाजार हैं गुलजार, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

एक माह चले रमजान माह के बाद सोमवार को आखिर ईद का चांद नजर आ गया। चांद के दीदार होते ही लोगों ने एक-दूसरे के गले लगकर मुबारकबाद दी। जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी और फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने देश के कई हिस्सों में चांद देखे जाने की तस्दीक की। चांद के दीदार के साथ ही मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों के बाजारों में भीड़ बढ़ गई।

दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुए बलवे के बाद से राजधानी के सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ड्रोन से सभी इलाकों में नजर रखी जा रही है। लोकल पुलिस के अलावा अतिरिक्त सुरक्षा बलों को इन इलाकों में तैनात किया गया है। बलवा करने वालों से सख्ती से निपटने का आदेश दिया गया है। स्पेशल सीपी दीपेंद्र पाठक ने बताया कि जामा मस्जिद और आसपास के इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पुलिस बल की पर्याप्त तैनाती है। कानून व्यवस्था का पालन करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से हो ईद का उत्सव मनाया जाना चाहिए।

फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम ने बताया कि कहा कि इस साल ईद सादगी से मनाएं। गरीबों का ख्याल रखें। सरकार द्वारा जारी की गई कोविड गाइड लाइंस का पालन जरूर करें।

नायब इमाम मुफ्ती अनस अहमद ने बताया कि ईद सभी के साथ मिलकर मनाएं और मुहब्बत का पैगाम दें। पूरे मुल्क में अमन और आपसी भाईचारे की दुआ करें। रमजान के एक माह में जिस तरह से लोगों ने शांति और धैर्य का परिचय दिया, उसे पूरे साल बरकरार रखना है। नायब इमाम ने बताया कि फतेहपुरी मस्जिद में ईद-उल-फितर की नमाज 7.30 बजे अदा की जाएगी। वहीं, दिल्ली की जामा मस्जिद में सुबह 6.00 बजे नमाज अदा की जाएगी। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वह किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। यदि कोई शांति भंग करने कोशिश करता है तो फौरन पुलिस अधिकारियों को इसकी सूचना दें।

14 तक खुले रहेंगे निजामुद्दीन मरकज के कुछ हिस्से

उच्च न्यायालय ने सोमवार को निजामुद्दीन मरकज के कुछ और हिस्सों को खोलने की अनुमति प्रदान कर दी। यह सभी हिस्से  मार्च 2020 में तब्लीगी जमात के लोगों के कोविड-19 महामारी के बीच आयोजित सभा के बाद से बंद हैं। अदालत ने मरकज में सभी मंजिलों पर ईद के त्योहार के मद्देनजर नमाज अदा करने के लिए पहले से खोलने संबंधी आदेश की अवधि 14 अक्तूबर तक बढ़ा दी।

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की याचिका के साथ रमजान और ईद के त्योहार के मद्देनजर मरकज परिसर के कुछ हिस्सों को फिर से खोलने पर पिछले महीने पारित अंतरिम आदेश को बढ़ा दिया। बोर्ड ने इस आधार पर परिसर को फिर से खोलने के निर्देश की मांग करते हुए याचिका दायर की थी कि अनलॉक -1 दिशा-निर्देशों के बाद भी धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दी गई थी, जिसमें मस्जिद चूड़ी वाली (मस्जिद), मदरसा काशिफ-उल-उलूम शामिल थे। परिसर में संलग्न छात्रावास को बंद करना जारी है।

अदालत ने एक अप्रैल को मस्जिद को रमजान के महीने के लिए खोलने की अनुमति देते हुए स्पष्ट किया था कि परिसर में कोई तब्लीगी गतिविधियां और व्याख्यान नहीं हो सकते हैं और केवल नमाज अदा की जा सकती है। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि रमजान के लिए मस्जिद चूड़ी वाली में भूतल और चार मंजिलों पर नमाज और धार्मिक नमाज अदा करने की अनुमति दी जाए। यह व्यवस्था केवल रमजान के एक महीने के लिए है, जो ईद-उल-फितर के साथ समाप्त होगी। प्रत्येक मंजिल के प्रवेश द्वार निकास और सीढ़ियों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए भी एक निर्देश पारित किया गया था।

कोरोना प्रोटोकॉल का आदेश
अदालत ने एक मंजिल पर 100 व्यक्तियों की सीमा को हटाते हुए कहा था कि मस्जिद का प्रबंधन यह सुनिश्चित करेगा कि अकीदतमंदों को नमाज अदा करने के लिए मस्जिद में प्रवेश करने की अनुमति देते समय कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में निजामुद्दीन मरकज को फिर से खोलने का विरोध करते हुए कहा था कि कुछ धार्मिक अवसरों पर केवल कुछ लोगों को ही नमाज अदा करने की अनुमति दी जा सकती है। 15 अप्रैल 2021 को कोर्ट ने रमजान के दौरान 50 लोगों को मरकज में दिन में पांच बार नमाज पढ़ने की इजाजत दी थी।

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