हाल-ए-बिजली: मांग और उपलब्धता में अभी 2500 मेगावाट का अंतर, ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति सुधारने में लग सकता है समय

मौसम के बदले मिजाज के बावजूद प्रदेश में बिजली की किल्लत बनी हुई है। केंद्र से अतिरिक्त बिजली मिलने और उत्पादन में आंशिक सुधार के बावजूद कटौती जारी है। मंगलवार को भी जनता को बिजली कटौती से कोई खास राहत नहीं मिल पाई। खासकर ग्रामीण इलाकों और तहसील मुख्यालयों पर बिजली आपूर्ति में कोई खास राहत नहीं मिल पाई। मंगलवार को मांग और उपलब्धता में करीब 2000-2500 मेगावाट का अंतर बना रहा। बिजली उत्पादन में सुधार की स्थिति को देखते हुए यह माना जा रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी कुछ दिनों तक आपात बिजली कटौती जारी रह सकती है। 

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक मंगलवार को प्रदेश में बिजली की कुल मांग करीब 21000 से 23000 मेगावाट के बीच रही। जबकि उत्पादन 19000 से 20500 मेगावाट। इस प्रकार आज भी बिजली के उत्पादन और मांग में करीब 2000-2500 मेगावाट का अंतर रहा। पावर कारपोरेश प्रबंधन की रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति किया जाना था, लेकिन मांग और उत्पादन में अंतर की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में 16.58 घंटे ही आपूर्ति हो पाई।

इसी प्रकार नगर पंचायत मुख्यालयों पर 21.30 घंटे के स्थान पर 21.04 घंटे और तहसील मुख्यालयों पर शेड्यूल के मुताबिक 21.30 घंटे और जिला मुख्यालयों पर 24 घंटे बिजली आपूर्ति किए जाने का दावा किया गया  है।

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