
पंजाब में बिजली की बढ़ती मांग के बीच रविवार को रोपड़ थर्मल प्लांट की दो यूनिटों को बंद कर दिया गया। बताया जा रहा है कि पावरकॉम ने थर्मल प्लांट में कोयले के लगातार गहराते संकट की वजह से आने वाले धान सीजन की खातिर कोयला बचाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है। जबकि लहरा मुहब्बत की तीन और निजी गोइंदवाल की एक यूनिट पहले ही बंद पड़ी है। अब इन छह यूनिटों के बंद पड़ने से कुल 1360 मेगावाट बिजली का उत्पादन ठप हो गया है।
उधर, पंजाब में रविवार को सरकारी दफ्तर व दुकानें बंद होने के बावजूद बिजली की मांग 10,000 मेगावाट के पार दर्ज की गई। दिन के वक्त बिजली की अधिकतम मांग 10,097 मेगावाट रही, वहीं शनिवार को बिजली की अधिकतम मांग 10,640 मेगावाट रही थी। जो इस गर्मी के सीजन में अब तक सबसे अधिक मांग थी। ऐसे में साफ है कि पंजाब में बिजली की मांग लगातार 10 हजार मेगावाट से अधिक रह रही है। आने वाले धान सीजन में बिजली की मांग में और बढ़ोतरी की पूरी संभावना है। थर्मल प्लांट में कोयले के स्टाक में भारी कमी के चलते बिजली की बड़ी किल्लत पैदा हो सकती है।
रोपड़ प्लांट में पांच, लहरा में आठ, तलवंडी साबो में साढ़े पांच, गोइंदवाल में तीन और राजपुरा में 21 दिनों का कोयला शेष है। रविवार को पंजाब में 10097 की अधिकतम मांग के मुकाबले पावरकॉम के पास बिजली की उपलब्धता करीब 3600 मेगावाट की रही। बाकी की बिजली पावरकॉम ने बाहर से खरीदी और वह भी सस्ते दामों में। इस कारण रविवार को भी उपभोक्ताओं को कटों का सामना नहीं करना पड़ा।