राजधानी में प्रचंड गर्मी का दौर जारी है। लू के साथ बुधवार को दिन का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया, जो बीते 8 जून को बीते आठ वर्षों में सबसे ज्यादा है

राजधानी में प्रचंड गर्मी का दौर जारी है। लू के थपेड़ों के साथ बुधवार को दिन का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया, जो बीते 8 जून को बीते आठ वर्षों में सबसे ज्यादा है। इससे पहले साल वर्ष 2014 में 8 जून को पारा 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है।

मौसम विभाग के मुताबिक, बुधवार को अधिकतम तापमान सामान्य से सामान्य से 4 डिग्री ज्यादा दर्ज किया गया। वहीं न्यूनतम तापमान सामान्य से 3 डिग्री अधिक 31.2 डिग्री सेल्सियस रहा। दिनभर तेज धूप निकलने की वजह से कुछ जगहों पर लू तो कुछ जगहों पर गंभीर स्तर की लू दर्ज की गई।

घरों से बाहर निकले लोग दिनभर छांव का सहारा ढूंढते रहे। लोगों ने गर्मी से राहत के लिए शीतल पेय पदार्थों से लेकर कूलर व एसी का सहारा लिया। गर्मी के साथ-साथ उमस ने भी लोगों की परेशानी को बढ़ाया। बीते 24 घंटे में हवा में नमी का स्तर 14 से 43 फीसदी रहा।

मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए गर्मी से राहत मिलने के संकेत नहीं दिए हैं। विभाग ने यलो अलर्ट जारी करते हुए 20 से 30 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना जताई है।

अधिकतम तापमान 44 व न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। पारा चढ़ने के साथ कुछ इलाकों में लू चलने की भी संभावना है। वहीं शुक्रवार को दिन में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ आंधी-तूफान के आसार हैं।

स्पोर्ट्स कांप्लेक्स और नजफगढ़ में 46 पार पहुंचा पारा : दिल्ली के विभिन्न इलाकों में पारा 46 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर गया। स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में पारा 46.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि नजफगढ़ में 46.3, मुंगेशपुर में 46.2, रिज में 45.2, पीतमपुरा में अधिकतम तापमान 45.7 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं नोएडा में पारा 44.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

इन इलाकों में पारा अधिक होने के साथ गंभीर स्तर की लू रिकॉर्ड की गई है। मैदानी इलाकों में जब पारा 40 या इससे अधिक व सामान्य से साढ़े चार डिग्री सेल्सियस अधिक होने पर लू की घोषणा की जाती है। वहीं, पारा सामान्य से साढ़े छह डिग्री सेल्सियस अधिक होने पर गंभीर स्तर की लू की घोषणा होती है।

15 जून से मिल सकती है राहत
स्काईमेट वेदर के मौसम विज्ञानी महेश पलावत ने बताया कि 10 जून के बाद हरियाणा और पंजाब के ऊपर चक्रवाती स्थिति बन रही है। इस वजह से हवा की दिशा पश्चिम से बदलकर पूर्व की ओर हो जाएगी।  बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाओं के कारण हवा में नमी बढ़ेगी। हालांकि, मौसम में हो रहे इस बदलाव का असर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 15 जून से देखने को मिल सकता है। 

इस दौरान हल्की बारिश हो सकती है, जिससे गर्मी के तेवर ढीले होने की संभावना है। मानसून के आगमन पर पलावत ने कहा कि मौजूदा स्थितियों को देखते हुए जून के आखिर में मानसून के आने की संभावना है। बता दें कि बीते वर्ष मौसम विभाग ने मानसून के समय से पहले पहुंचने की संभावना जताई थी, लेकिन इसके विपरीत मानसून गत 13 जुुलाई को दिल्ली में पहुंचा था, जो कि बीते 19 वर्षों में सबसे देरी से पहुंचा था।

पश्चिमी राजस्थान और पाकिस्तान से आने वाली धूल भरी हवाओं से आफत
वर्तमान में पश्चिमी राजस्थान और पाकिस्तान की तरफ से आने वाली धूल भरी हवाएं दिल्लीवासियों के लिए आफत साबित हो रही हैं। यही वजह है कि दिल्ली शुष्क गर्मी झेल रही है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय से बारिश नहीं होने से भी यह स्थिति बनी हुई है। यदि बीच-बीच में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से ठीक-ठाक बारिश हो जाती तो गर्मी से कुछ राहत मिल सकती थी।

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