अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व में लगातार बढ़ती पाबंदियों और मानवाधिकारों की हनन पर अमेरिकी सीनेटरों ने संयुक्त राष्ट्र से कहा है कि तालिबान को यूएन की किसी भी सीट से बाहर किया जाए। चार अमेरिकी सीनेटरों रॉबर्ट मेनेंडेज, जेम्स ई. रिस्क, जीन शाहीन और जॉनी के. अर्न्स्ट ने इस बाबत संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरस को पत्र लिखकर अफगानिस्तान में मानवाधिकार हनने पर चिंता जताई।
चारों सीनेटरों ने गुटेरस से कहा कि संयुक्त राष्ट्र को अफगानिस्तानमें मानवाधिकार की रक्षा में सार्थक कार्रवाई करना चाहिए। खामा प्रेस के अनुसार, सीनेटरों ने कहा, हमारा आग्रह है कि तालिबान को यूएन में अफगानिस्तान के लिए राजनयिक प्रतिनिधित्व निर्धारित करने के लिए होने वाली क्रेडेंशियल्स समिति की इस सितंबर में होने जा रही बैठक में एक भी सीट न मिले।
उन्होंने कहा, यूएन के पास सार्थक कार्रवाई का मौका है जिसमें वह दुनिया को स्पष्ट संदेश देगा कि यदि तालिबान अफगान महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकारों को मिटाना चाहता है तो हम उसके साथ खड़े नहीं होंगे।
अफगानिस्तान (Afghanistan) में मानवाधिकारों का हनन बढ़ा
मानवाधिकार निगरानी समह (एचआरडब्ल्यू) ने कई बार कहा है कि अफगानिस्तान में मानवाधिकारों का हनन बढ़ा है। तालिबान (Taliban) ने हर बार मानवाधिकारों के उल्लंघन के दावों को खारिज किया है और कहा है कि अफगानिस्तान (Afghanistan) में सत्ता में आने के बाद से ऐसा कोई काम नहीं हुआ जिसे मानवाधिकार हनन की श्रेणी में रखा जाए। हालांकि महिला शिक्षा, सार्वजनिक प्रताड़ना के कई मामले देश में बढ़े हैं।