कंगाली की मार झेल रहे पाकिस्तान ने आतंकवाद को जिंदा रखने के लिए सारा जोर नशा तस्करी पर लगा दिया है। अफगानिस्तान से हेरोइन लेकर जम्मू कश्मीर भेजी जा रही है। इसके लिए नशा तस्करों से मोटी रकम लेकर आतंकियों के लिए पैसा जमा किया जा रहा है। हजारों करोड़ रुपये की हेरोइन पिछले ढाई साल में पकड़ी गई है। जो इस बात का सबूत है कि किस कदर पाकिस्तान आतंकियों के लिए नशा तस्करी से जुटा रहा है। इसके लिए ड्रोन और सुरंगों तक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार पिछले ढाई साल में 9650 करोड़ रुपये की हेरोइन जम्मू कश्मीर में नशा तस्करों, आतंकियों से बरामद की गई। यह हेरोइन सुरंग से भी आई, ड्रोन से भी और एलओसी से भी। 2020 में 128 किलो और 2021 में 198 किलो हेरोइन पकड़ी गई, जबकि वर्ष 2022 के पहले तीन माह में 60 किलो हेरोइन पकड़ी गई है। पिछले ढाई सालों को जोड़ दिया जाए तो 386 किलो हेरोइन बरामद की गई है। इस हेरोइन की अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कीमत 9650 करोड़ रुपये बनती है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रति किलो हेरोइन की कीमत 5 करोड़ रुपये तक है।
अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि इतनी बड़ी रकम की हेरोइन पकड़ ली गई तो ऐसी कितनी हेरोइन होगी, जो पकड़ी नहीं जाती। यही नहीं प्रदेश में नशा तस्करी में शामिल लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 में नशा तस्करी के 1228 मामले दर्ज हुए, इनमें 1812 लोगों को गिरफ्तार किया गया। वर्ष 2021 में मामले दर्ज होने का आंकड़ा 1228 से बढ़कर 1687 हो गया जबकि गिरफ्तार होने वाले आरोपियों की संख्या 1812 से बढ़कर 2369 हो गई ।
पंजाब और जम्मू के तस्करों से सांठगांठ
पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में मौजूद पुराने नशा तस्करों के साथ मिलकर सीमा पार से बड़े पैमाने पर नशा भेज रहा है। पाकिस्तान ने पंजाब और जम्मू की जेलों में बंद पुराने नशा तस्करों और जेल से छूट कर आने वाले तस्करों से लेकर मौजूद अन्य तस्करों से संपर्क किया है। इनके जरिए हेरोइन की तस्करी करवाकर पैसा जुटाया जा रहा है। इंटरनेशनल बॉर्डर के जम्मू-सांबा-कठुआ सेक्टर, एलओसी के राजोरी-पुंछ सेक्टर और कश्मीर के कुपवाड़ा-बारामुला-बांदीपोरा एलओसी से हेरोइन भेजी जा रही है।
पीओके में आतंकियों के तीन समूह सक्रिय
सूत्रों का कहना है कि नशा तस्करी के लिए पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने तीन समूह बनाए हैं। इनमें मनशेरा, मुज्जफराबाद और कोटली शामिल हैं। इन तीनों जगहों पर आतंकी संगठन लश्कर ए ताईबा, जैश ए मोहम्मद, अल बदर और हरकत उल मुजाहिदीन के शिविर हैं।
मनशेरा समूह के बोई, बालाकोट और गड़ी हबीबुल्लाह में शिविर हैं। मुज्फराबाद समूह के चेलाबंदी, शेवनाला, अब्दुल्लाबिन मसूद और दुलाई में शिविर हैं, जबकि कोटली के सेंसा, गूलपुर, फागोश और डुबगी में शिविर हैं। इन जगहों पर पाकिस्तानी सेना और आईएसआई मिलकर हेरोइन की तस्करी करवा रही है।
एलओसी से 3 किलोमीटर दूर नशा तस्करी की फैक्टरी
नशा तस्करी के लिए पाकिस्तानी सेना और आईएसआई द्वारा बनाए गए इन समूहों के शिविर जम्मू कश्मीर की एलओसी से 2 से 3 किलोमीटर दूर हैं। गुरेज, केल, नीलम घाटी, उड़ी चकोटी, गुलमर्ग, पुंछ, राजोरी, नौशेरा और सुंदरबनी की एलओसी के सामने यह कैंप चलाए जा रहे हैं।