उत्तराखंड में शुक्रवार देर रात से पहाड़ से लेकर मैदान तक हो रही बारिश ने परेशानी खड़ी कर दी है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का खतरा बढ़ गय है। नदी नाले भी उफान पर हैं। वहीं, देहरादून, टिहरी, पौड़ी, चंपावत, नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर में अगले 24 घंटे में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है। इन सभी जिलों में ज्यादातर इलाकों में तेज गर्जना के साथ भारी से बहुत अधिक बारिश की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि अगले 48 घंटे के भीतर मैदान से लेकर पहाड़ तक झमाझम बारिश की संभावना है। ऐसे में आपदा प्रबंधन के लिहाज से सतर्क रहने की जरूरत है।
बदरीनाथ और यमुनोत्री हाईवे बंद
भारी बारिश की वजह से मलबा आने के कारण बदरीनाथ हाईवे फरासू और लामबगढ़ में बंद है। तीर्थयात्री हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, सिमली थराली मोटर मार्ग व कर्णप्रयाग गैरसैण मोटर मार्ग भी मलबा आने से बंद है। उधर, यमुनोत्री धाम सहित यमुना घाटी में रातभर से हो रही भारी बारिश के कारण नदी नाले उफान पर हैं। यमुनोत्री हाईवे पर नासूर बने खनेडापुल स्लीपजोन के पास आधा दर्जन लोग रातभर जगे रहे। ऊपर से चट्टानें खिसकने व तलहटी से यमुना नदी के कटाव के भय में पूरी रात जागकर काटी।
ग्रामीणों ने जागकर काटी पूरी रात
नौगांव में रात भर हुई तेज बारिश से देवलसारी गदेरा उफान पर है। जिससे यमुनोत्री हाइवे पर आवाजाही नही हो पा रही है। यहां 108 वाहन सहित कई प्राइवेट वाहन दोनों और फंसे हैं। ड्यूटी करने जा रहे कई अध्यापकों सहित नगर क्षेत्र के स्कूलों में पढ़ने जा रहे बच्चे भी फंसे हुए हैं, जो मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हैं। खेतों से काम कर लौट रहे स्थानीय लोग सड़क खोलने में लगी जेसीबी मशीन की बकेट में बैठकर सड़क पार कर रहे हैं। जेसीबी मशीन जैसे ही मलबा साफ कर रही है पानी के बहाव के साथ दोबारा मलबा आ रहा है।
इसके साथ ही भूस्खलन और बोल्डर आने से प्रदेश में कुल 186 से ज्यादा सड़कें बंद हो गईं। वहीं लोक निर्माण विभाग शुक्रवार को 65 सड़कों को खोलने में जुटा रहा।