चीन के सिचुआन में सोमवार को आए भूकंप से भारी तबाही हुई है। इस प्राकृतिक आपदा ने अब तक 65 लोगों की जान ले ली है और 16 लोग लापता हैं। भूकंप के झटके इतने जोरदार थे कि सेकेंड में सबकुछ बर्बाद हो गया। यहां कई इमारतें मलबे में तब्दील हो गईं। भूकंप का केंद्र लुडिंग काउंटी था। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी गई थी। जगह-जगह चट्टानें भी टूटकर सड़कों पर गिर गईं तो वहीं रिहायशी इलाकों में इमारतों के मलबे में लोग दब गए।
चीन ने राहत देने के लिए उठाया ये कदम
सरकारी समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, गांजी और याआन में फंसे 50,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इसके अलावा सिचुआन में 6,500 से अधिक बचाव दल, चार हेलीकॉप्टर और दो मानव रहित हवाई वाहन तैनात किए गए हैं। इसके अलावा फायर ब्रिगेड की 1100 टीमें लगाई गई हैं। वित्त मंत्रालय और आपातकालीन प्रबंधन मंत्रालय ने बचाव और राहत कार्यों में सहायता के लिए 50 मिलियन युआन (लगभग 7.25 मिलियन अमरीकी डॉलर) वित्तीय सहायता प्रदान की है। प्रांतीय सरकार ने भी गांजी को 50 मिलियन युआन आवंटित किए हैं। लुडिंग काउंटी, जहां भूकंप का केंद्र था वहां 3,000 टेंट और 10,000 तह बिस्तरों सहित राहत सामग्री आवंटित की गई थी।
चीन में 2008 में 8.2 तीव्रता के भूकंप ने मचाई थी तबाही, 69 हजार से अधिक लोग मारे गए थे
बता दें कि साल 2008 में चीन में धरती हिलने से मौत का तांडव मच गया। दो मिनट के भीतर 69 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। उस समय भूकंप की तीव्रता 8.2 थी। इस हादसे में 18 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। वहीं चीन के सिचुआन प्रांत में आए भूकंप को इसकी विनाशकारी लीला को देखते हुए ग्रेट शिचुआन भूकंप नाम दिया गया।
दक्षिण कोरिया में चक्रवाती तूफान से 20 हजार लोगों ने छोड़ा घर
वहीं दक्षिण कोरिया में टाइफून हिनामनोर ( उष्णकटिबंधीय चक्रवात) के दस्तक देने से कई घरों की बिजली गुल हो गई है। जिससे 20 हजार से अधिक लोग घर छोड़ने के लिए मजबूर हो गए। जानकारी के अनुसार भयंकर बारिश और हवाओं ने पेड़ों और सड़कों को नष्ट कर दिया।