
जिले में डेंगू के बढ़ते प्रकाेप से स्थिति भयावह हाेने लगी है। डेंगू से हालत गंभीर होने पर 6 मरीजाें को मंगलवार काे एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया। वहीं, 3 नए मरीज मिले हैं। इसके साथ ही जिले में अब कुल 44 मरीज हाे गए हैं। इससे पहले साेमवार काे एक दिन में 21 डेंगू मरीज मिले थे। मंगलवार काे जिला मलेरिया अधिकारी डाॅ. सतीश कुमार एसकेएमसीएच पहुंचे और अधीक्षक डाॅ. बाबू साहेब झा से डेंगू मरीजाें के बारे में जानकारी ली।
वहीं, वार्ड में भर्ती मरीजाें काे देखा। डाॅ. कुमार ने बताया कि अब तक जिले में जाे मरीज मिले हैं, उनमें से अधिकांश स्वस्थ हाे चुके हैं। मात्र 12 एक्टिव मरीज हैं। जाे मरीज मिले हैं उनमेंआईजीएम के 19और एनएस-1 के 22 शामिल हैं। दाे मरीजाें के पता में सिर्फ मुजफ्फरपुर लिखा हुआ है। उसपर माेबाइल नंबर भी नहीं है। इससे उन्हें पता करने में परेशानी हाे रही है।
हालांकि, पीएचसी प्रभारियाें काे उन मरीजाें काे ट्रेस करने काे कहा गया है। बताया कि जाे नए मरीज मिले हैं, उनका भाैतिक सत्यापन किया जा रहा है। पीएचसी प्रभारियाें काे सभी नए मरीजाें के घर का भाैतिक सत्यापन कर भेजने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद वहां फाॅगिंग कराई जा रही है।
जलजमाव वाले इलाकाें में मालाथियान का छिड़काव
इधर, शहरी क्षेत्र के प्रत्येक वार्ड में गंदगीऔर जलजमाव वाले इलाकाें में मच्छर मारने के लिए मालाथियान नामक दवा का छिडकाव किया जा रहा है। नगर प्रशासकआशुताेष द्विवेदी ने बताया कि जहां डेंगू मरीज मिल रहे हैं, स्वास्थ्य विभाग सेआंकड़ा लेकर वहां फाॅगिंग कराई जा रही है। लाेगाें को जागरूक भी किया जा रहा है। दूसरी तरफ, स्वास्थ्य विभाग सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है। अबतक जहां डेंगू मरीज मिले हैं, उनमें से महज 15 के घर केआसपास ही फाॅगिंग करा सका है।
तीन वर्ष में डेंगू मरीजाें काआंकडा
जिले में अबतक सबसे अधिक 66 डेंगू मरीज वर्ष 2020 में मिले थे। जबकि 2019 में 13 और 2021 में 19 मरीज मिले थे। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा शहरी क्षेत्र के लाेग अधिक प्रभावित हाे रहे थे। वहींं, 2022 में अबतक 44 मरीज मिल चुके हैं।
डेंगू के लक्षण
तेज बुखार, बदन, सिर व जाेड़ाें में दर्द,आंखाें के पीछे दर्द हाेना। त्वचा पर लाल धब्बे या चकता का निशान हाेना। नाक, मसूढाें से या उल्टी के साथ खून निकलना। पैखाना काला हाेनाआदि।
ऐसे करें बचाव
दिन में भी साेते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें {मच्छर भगाने वाली दवा-क्रीम का प्रयाेग दिन में भी करें ,पूरे शरीर काे ढंकने वाले कपडे पहने, घर वआसपास काे साथ व हवादार बनाकर रखे , टूटे-फूटे बर्तनाें, कूलर, एसी-फ्रिज के पानी की निकासी ट्रे, पानी टंकी, व घर के अंदर व अगल-बगल में पानी काे जमने नहीं दे {घर केआसपास साफ-सूथरा रखे, जमा पानी व गंदी व कीटनाशी दवाओं का छिड़काव करें , गमला, फूलदानआदि का पानी हर दूसरे दिन बदल दें , जमे हुए पानी में मिट्टी का तेल डाले ,तेज बुखार हाेने पर एस्प्रिन या ब्रूफेन टैबलेट का किसी भी परिस्थिति में इस्तेमाल नहीं करें , एंबुलेंस के लिए टाॅल फ्री नंबर 102 पर डायल करें।
निजी जांच घरों में हुई जांच में करीब 70 प्रतिशत डेंगू पॉजिटिव मिले
जिले में तेज गति में डेंगू पाॅजेटिव मरीजाें की संख्या बढ़ रही है। सरकारी आंकड़ों पर अब निजी पैथाेलाॅजी जांच घरों का आंकड़ा भारी पड़ रहा है। सरकारी अस्पतालाें से अधिक की संख्या में शहरी पैथाेलाेजी जांच घर में डेंगू पॉजिटिव मिल रहे हैं। विगत एक सप्ताह में शहर के कई पैथाेलॉजी जांच घर में जांच के लिए आए मरीजाें में से करीब 70 प्रतिशत डेंगू पॉजिटिव मिले हैं।
जिसमें इमलीचट्टी स्थित हेल्थ केयर सेंटर में 8 सैंपल में से 2 , जिला परिषद मार्केट स्थित न्यू डाग्नाे पैथाेलाॅजी में 5 सैंपल में से 1, वेल केयर लैब में तीन दिन में 4 सैंपल में से 3 मरीज, लाल पैथ बेला में 4 सैंपल में से 1, लाल पैथ लैब खादी भंडार में 6 सैंपल में से 5 मरीज एवं बीएमपी स्थित लाल पैथ लैब में 7 सैंपल की जांच में 6, कृष्णा जांच घर में 5 तथा अघाेरिया बाजार स्थित नाॅर्थ बिहार लेबाेरेटरी में 7 सैंपल में से, जिला परिषद स्थित ए टू जेड लैब में 3 सैंपल में से 1 में डेंगू की पुष्टि हुई है।
इधर, केजरीवाल अस्पताल के डाॅ. बीएन तिवारी ने बताया कि अस्पताल में 1 बच्चा डेंगू पॉजिटिव मिला था। बताया कि अस्पताल में डेंगू मरीजाें के लिए वार्ड में 20 से अधिक बेड की व्यवस्था है। लेकिन, अभी एक भी डेंगू पॉजिटिव मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं है।