
पंजाब में 6 दिन हड़ताल रहने के बाद बुधवार को पहले दिन ही सरकारी बसें सड़कों पर चली थी। लेकिन अपनी मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) भी 5 जिलों में सड़कों पर उतर आया। जिससे आम यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। धरनों के दौरान भले ही एमरजेंसी सेवाओं (एंबुलेंस आदि) को नही रोका गया। लेकिन आम यात्री एक बार फिर बुरी तरह से मुश्किल में फंसे दिखे।
किसानों की मुख्य मांगें
- पराली जलाने वाले किसानों का फर्द से रेड एंट्री हटाने की मांग।
- मूंगी का 7277 दाम निर्धारित 4 हजार रुपए तक क्विंटल ही बिका, किसानों को बोनस
- गेहूं के कम उत्पादन का बोनस मिले।
- गन्ना मिलों का लाखों का बकाया जारी हो।
- चाइना वायरस से गेहूं के नुकसान का मुआवजा।
- सफेद सूंडी व नकली बीजों से खराब हुए नरमे का मुआवजा।
- लंपी स्किन बीमारी से मारी हजारों गायों का मुआवजा।
- शहीद हुए किसानों के परिवारों को नौकरी व अन्य मुआवजा दिया जाए।
हरियाणा में आंदोलन में दर्ज मामलों को वापस ले रहे: विज
किसान आंदोलन में दर्ज केस वापस न लेने पर किसान संगठनों की ओर से 24 नवंबर को रेल ट्रैक बंद करने के आह्वान पर बुधवार को प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के पदाधिकारियों से मिले। उन्होंने बताया कि किसान आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों में से अधिकांश वापस लिए जा चुके हैं। कुछ मामले शेष हैं, जिन्हें वापस लेने की प्रक्रिया जारी है। 294 मामलों में से 163 मामलों को वापस लेने के लिए सरकार से मंजूरी मिल चुकी है।