
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कहा कि उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के मध्य बहुत घनिष्ठ संबंध हैं। यह घनिष्ठ संबंध इस रूप में है कि कर्नाटक में भगवान श्री मंजूनाथ की परंपरा, नाथ संप्रदाय की शैव परंपरा को ही आगे बढ़ाती है और एक दूसरे को सुदृढ़ आध्यात्मिक भारत के साथ जोड़ती है।
सीएम योगी ने यह बात बृहस्पतिवार को अपने सरकारी आवास पर कर्नाटक के उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री सीएन अश्वथ नारायण के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए कही। प्रतिनिधिमंडल ने माला पहनाकर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। यह प्रतिनिधिमंडल अयोध्या भ्रमण के बाद राजधानी लखनऊ पहुंचा।
प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक को संकट का साथी कहा जाता है। कर्नाटक क्षेत्र में प्रभु श्रीराम के सहयोग के लिए मारुति नंदन हनुमान जी आगे आए थे। हनुमान जी की सहायता भारत में रामराज्य की स्थापना का आधार बनी। अयोध्या में हनुमान गढ़ी सबसे ऊंचा स्थल है और अयोध्या के रक्षक हनुमान जी हैं। यूपी व कर्नाटक को परस्पर रूप से अपने सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक तथा आध्यात्मिक संबंधों को निरंतर आगे बढ़ाते रहना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी आस्था के प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव होना चाहिए। पांच शताब्दी की प्रतीक्षा के बाद आज अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण का कार्य प्रगति पर है। श्री काशी विश्वनाथ धाम देशवासियों को समर्पित किया जा चुका है। अपनी उपलब्धियों पर हम सभी को गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। कर्नाटक के उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यूपी और कर्नाटक के संबंध रामायणकालीन हैं। आज यह संबंध नई ऊंचाईयों को छू रहे हैं। कर्नाटक के लोग सीएम योगी के व्यक्तित्व, कार्यशाली और विज़नरी एप्रोच से प्रभावित हैं। प्रतिनिधिमंडल में अधिकांश लोग कर्नाटक के रामनगर व बेंगलुरु के हैं।