
शनिवार की सुबह चंबल के पहाड़गढ़ के जंगल में ग्वालियर एयरबेस से उड़े दो लडाकू विमान मिराज-2000 और सुखोई-30 आपस में टकराने के बाद क्रैश हो गए। मिराज को चला रहे विंग कमांडर हनुमंत राव सारथी की जान चली गई, जबकि दो विंग कमांडर मिथान पीएम, विजय पाटिल घायल हो गए हैं। पर क्या आप जानते हैं कि क्रैश होने वाला मिराज-2000 विमान था जिसने पुलवामा अटैक में 40 CRPF जवान की मौत के बाद बालाकोट में चल रहे आतंकी कैंप पर एयर स्ट्राइक कर भारत का सिर शान से ऊपर किया था। एयर स्ट्राइक के समय ग्वालियर के एयरफोर्स स्थित एयरबेस से ही मिराज 2000 ने उड़ान भरी थी। पहले यह पठानकोट एयरबेस पहुंचे थे और रात के अंधेरे में नियंत्रण रेखा यानी LOC (लाइन ऑफ कन्ट्रोल) पार कर पाकिस्तान के पूर्वोत्तर इलाके खैबर पख्तूनख्वाह के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैम्पों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी।
यह हुआ है मुरैना में हादसा
शनिवार सुबह 10 बजे ग्वालियर एयरबेस से मिराज 2000 व सुखाेई-30 लड़ाकू विमानों ने रूटीन प्रैक्टिस सेशन शुरू किया। करीब 10.30 बजे मुरैना के पहाड़गढ़ के ऊपर दोनों विमान तकनीकी चूक के चलते आपस में टकराए । जिस पर मिराज 2000 मुरैना के पहाड़गढ़ में गिरा, लेकिन वह चलता हुआ गिरा इसलिए उसके पायलट विंग कमांडर हनुमंत राव सारथी खुद को इजेक्ट नहीं कर सके और उनकी परखच्चे उड़ गए, जबकि सुखोई विमान के पायलटों मिथान पीएम और विजय पाटिल ने सही समय पर खुद को इजेक्ट कर लिया और वह पैराशूट के जरिए वहीं पहाड़गढ़ में ही गिरे, लेकिन उनका सुखाई करीब 100 किलोमीटर दूर राजस्थान के भरतपुर के पास जाकर गिरा।
करीब 800 मीटर तक बिखरा मलबा
ग्रामीणों ने बताया कि एयरफोर्स के अफसरों के साथ ही कलेक्टर अंकित अस्थाना और एसपी आशुतोष बागरी भी मौके पर पहुंच गए थे। घटनास्थल पर क्रैश हुए मिराज एयरक्राफ्ट की डिबरी मिली है। उसका वेरीफिकेशन भी हो गया है। दोनों एयरक्राफ्ट मिराज और सुखोई की डिबरी यहीं पर हैं। काफी बड़े एरिया में एयरक्राफ्ट के पार्ट गिरे हैं। मलबा करीब 500 से 800 मीटर एरिया में बिखरा है।