11 राज्यों में 20%इथेनॉल मिक्स वाले पेट्रोल की बिक्री शुरू:10% इथेनॉल मिलाने से 53 हजार करोड़ की विदेशी मुद्रा की बचत होती है

जैविक ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए बड़ी पहल हुई है। देश के 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चुनिंदा पेट्रोल पंप पर सोमवार से 20 फीसदी इथेनॉल मिश्रण वाले पेट्रोल (ई-20) की खुदरा बिक्री शुरू हुई। पहले चरण में 15 शहरों में इस पेट्रोल की बिक्री शुरू की गई है। अगले दो साल में देश भर में ई-20 पेट्रेाल की बिक्री शुरू हो जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साेमवार को भारत ऊर्जा सप्ताह-2023 में बताया कि 20% इथेनॉल की बिक्री को दो महीने बाद पेश करना था, लेकिन इसे लक्ष्य पूर्व लॉन्च किया गया है।

उन्होंने कहा कि 2014 में पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को 1.5 फीसदी से 10 फीसदी किया गया था। पेट्रोल में 10% इथेनॉल मिलाने से देश को 53,894 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा की बचत होती है। इथेनॉल के बढ़ते इस्तेमाल से किसानों को भी इसका लाभ मिलता है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि 15 शहरों के 84 पेट्रोल पंप पर 20 फीसदी इथेनॉल वाले पेट्रोल की खुदरा बिक्री शुरू हो गई है। पेट्रोल में इथेनॉल के 20 फीसदी मिश्रण का पूर्व निर्धारित लक्ष्य 2030 का रखा गया था। लेकिन इसे भी अब घटाकर 2025 कर दिया गया है। अब ई-20 से पेट्रोल मद में हर साल लगभग 30 हजार करोड़ रुपए की बचत होने की संभावना है।

दरअसल, देश में अधिकांश गाड़ियों के इंजन बीएस-4 से बीएस-6 स्टेज तक के हैं। इसके अनुसार 20 फीसदी इथेनॉल वाले पेट्रोल का इस्तेमाल सभी गाड़ियों में किया जा सकता है। बीएस यानी भारत स्टेज के इंजन में ई-20 का इस्तेमाल किया जा सकता है। वाहन निर्माता कंपनियों को पूर्व में ही ई-20 इंजनों के निर्माण के आदेश दिए जा चुके हैं।

क्या पुरानी गाड़ी में भी ई-20 पेट्रोल डलवाया जा सकता है?
इंजन फ्लेक्स फ्यूल कंपेटिबल (अनुकूल) है तो ई-20 फ्यूल से अच्छा माइलेज िमलेगा। पावर भी ज्यादा मिलेगी। पुरानी इंजन वाली गाड़ियों में यदि ई-20 को डलवाया जाएगा तो कम माइलेज-कम पावर की आशंका रहेगी। पुरानी गाड़ी के इंजन में थोड़े बदलाव कराए जा सकते हें लेकिन ये बदलाव केवल इंजन के कोरेशन (घिसाव) को कम करने के लिए कराने पड़ेंगे।

ब्राजील सबसे ज्यादा 40% तक इथेनॉल की ब्लेन्डिंग करता है। अमेरिका में भी 20 से 30 फीसदी तक इथेनॉल ब्लेन्डिंग होती है। दिलचस्प तथ्य है कि इन देशों को पेट्रो प्रोडक्टस का आयात नहीं करना होता है। भारत पेट्रो जरूरतों का 85 फीसदी तक आयात करता है। हमने अभी पेट्रोल में ही इथेनॉल ब्लेन्डिंग शुरू की है। अभी डीजल में ब्लेन्डिंग शुरू नहीं हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home1/theindi2/public_html/wp-includes/functions.php on line 5471