
गैंगस्टरों और आतंकियों के बढ़ते खतरे के मद्देनजर ड्रोन के इस्तेमाल पर सख्ती बढ़ाई जा रही है। अब पंजाब में बड़े ड्रोन खरीदकर और बिना इजाजत उड़ाने पर जेल जाना पड़ सकता है। आईजी हेडक्वार्टर सुखचैन सिंह गिल के अनुसार ड्रोन की खरीद और इस्तेमाल के लिए नई पॉलिसी बनाई जा रही है। नई पॉलिसी के तहत बड़ा ड्रोन खरीदने से पहले जिला प्रशासन से इजाजत लेनी होगी।
ड्रोन खरीदने के बाद वाहनों की तरह उसकी रजिस्ट्रेशन करवानी होगी। रजिस्ट्रेशन के बाद जब भी ड्रोन इस्तेमाल करना हो, डीसी या एडीसी से इजाजत लेनी होगी। नई पॉलिसी की कवायद शुरू हो गई है। सरकार ने इसका मसौदा गृह मंत्रालय को भेजा है। इसका कारण यह है कि ड्रोन से ज्यादा खतरा पाकिस्तान के बॉर्डर इलाके में है और वह बीएसएफ की निगरानी में है। इसलिए इस संबंध में आपत्ति और कई तरह की मंजूरियां मांगी गई हैं। मंजूरी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
इस नई नीति में सरहद से सटे 7 जिलों अमृतसर, तरनतारन, पठानकोट, गुरदासपुर, फिरोजपुर, फाजिल्का और जलालाबाद में ड्रोन उड़ाने से पहले जिला प्रशासन को जानकारी देनी होगी। रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद संबंधित व्यक्ति या संस्थान को लाइसेंस या प्रमाण पत्र दिया जाएगा। जांच के दौरान ड्रोन पकड़ा जाता है तो लाइसेंस दिखाना होगा। वहीं, बीएसएफ अधिकारियों से बैठक के बाद बॉर्डर से सटे एरिया का नो फ्लाइंग जोन एरिया 5 किमी से बढ़ाकर 12 किमी कर दिया गया है।
एंटी ड्रोन उपकरणों की खरीद के लिए पंजाब पुलिस उच्चाधिकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय के आला अधिकारियों से मीटिंग करने जा रहे हैं। हाल ही में सीएम भगवंत मान के नेतृत्व में हुई मीटिंग में तय किया गया कि ड्रोन की गतिविधियों को लेकर नए नियम बनाए जाएं। जिलों में छोटे ड्रोन उड़ाने से पहले जिला प्रशासन से इजाजत लेने का प्रावधान पहले से है पर इसे सख्ती से लागू नहीं किया जा रहा था।
नई पॉलिसी पर मुहर के बाद ड्रोन के इस्तेमाल पर पुलिस की पैनी नजर रहेगी। एंटी ड्रोन उपकरण नहीं हाेने के कारण पुलिस काे दिक्कत पेश आ रही है।