Lucknow: छात्रवृत्ति घोटाले में आईएएस और पीसीएस अफसरों की संलिप्तता के मिले सुराग

छात्रवृत्ति घोटाले में अल्पसंख्यक कल्याण, समाज कल्याण और दिव्यांग सशक्तिकरण के अधिकारियों की संलिप्तता के पुख्ता प्रमाण प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मिले हैं। इनमें से कई आईएएस और पीसीएस अफसर भी हैं, जिनको छात्रवृत्ति घोटाले की रकम का हिस्सा पहुंचाया जा रहा था। इस घोटाले में गिरफ्तार हाइजिया एजूकेशन ग्रुप के संचालकों से पूछताछ में ये सामने आया है। ईडी हाइजिया के दोनों संचालकों समेत तीनों आरोपितों को सोमवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह की अदालत में पेश करके रिमांड अवधि बढ़ाने का अनुरोध करने जा रही है।


केंद्र सरकार की तरफ से गरीबों, अल्पसंख्यकों, एससी-एसटी और दिव्यांगों को दी जाने वाली इस छात्रवृत्ति को हड़प कर मानवता को शर्मसार करने वाली कॉलेज संचालकों की करतूतों की जब ईडी ने परतें उधेड़नी शुरू की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पता चला कि घोटाले की रकम का एक बड़ा हिस्सा इन विभागों के अधिकारियों की जेब में पहुंचाया जा रहा था। जांच अधिकारी रामचंदर की तरफ से इन सभी अधिकारियों को सम्मन भेजना शुरू कर दिया गया है। सूत्रों की मानें तो ईडी के हाथ बड़े पैमाने पर मनी लांड्रिंग के सुराग भी लगे हैं, जिससे इन अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बताते चलें कि ईडी के बार-बार अनुरोध करने पर भी इन विभागों के अधिकारी छात्रवृत्ति से जुड़ी जानकारियां भी नहीं दे रहे थे।

रिक्शाचालक का भी खोला खाता
ईडी की जांच में सामने आया है कि हाइजिया के संचालकों ने पुराने लखनऊ में रहने वाले रिक्शा चालक अजय लाल का भी बैंक खाता खोल दिया था। वह किसी छात्र को कॉलेज छोड़ने आया था, जिसके बाद उसे केंद्र सरकार की योजना का लाभ दिलाने का लालच देकर अगूंठा लगवा लिया गया। बाद में फिनो बैंक के एजेंट ने उसका बतौर छात्र खाता खोल दिया। इसी तरह लखनऊ निवासी बीपीओ कर्मी पूर्णिमा वर्मा का फर्जी दाखिला दिखाया गया। गुडंबा निवासी दिव्यांग अरविंद कुमार का भी इसी तरह खाता खोला गया था। चौक निवासी मीना देवी का भी हाइजिया के संचालकों ने खाता खोल दिया था। करीब 80 वर्षीय मीना देवी की 12 साल पहले मृत्यु हो चुकी है।

गुवाहाटी में कॉलेज, लखनऊ में 20 से ज्यादा संपत्तियां
हाइजिया के संचालकों से पूछताछ में उनके गुवाहाटी में निर्माणाधीन कॉलेज का पता चला है। इसके अलावा नेपाल, लखनऊ, नोएडा समेत एक दर्जन से ज्यादा शहरों में बेशकीमती संपत्तियां होने की जानकारी मिली हैं। छापे के दौरान मिले संपत्तियों के दस्तावेज सामने रखकर जब ईडी के अधिकारियों ने पूछताछ की तो संचालकों ने लखनऊ की 20 से ज्यादा संपत्तियों में से 12 संपत्तियां बेनामी होने की बात कबूली दी। अब ईडी इन संपत्तियों को अटैच करेगी। पूर्वोत्तर के कुछ अन्य शहरों में भी कॉलेज खोलने के लिए जमीन खरीदने की पुष्टि की जा रही है।

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