
एक दिन स्थगित रहने के बाद केदारनाथ यात्रा वीरवार को मौसम साफ होने पर सुचारु हो गई। हालांकि, पैदल मार्ग पर हिमस्खलन होने से तीर्थ यात्रियों को घोड़ा-खच्चर और डंडी-कंडी की सुविधा नहीं मिल सकी। ऐसे में पैदल चलने में असमर्थ यात्री गौरीकुंड से आगे नहीं जा पाए। हिमस्खलन का असर यात्रा पर भी पड़ा और सोनप्रयाग से तीर्थ यात्रियों का पहला जत्था सुबह 9:30 बजे निकला। दोपहर दो बजे तक सोनप्रयाग से 9,535 तीर्थयात्री धाम के लिए रवाना हुए। दो दिन बाद धाम के लिए हेली सेवा भी फिर से शुरू हुई।
केदारघाटी में वर्षा और बर्फबारी के चलते बुधवार को किसी भी तीर्थयात्री को केदारनाथ धाम नहीं भेजा गया। वीरवार को सुबह ही मौसम साफ हो गया, लेकिन धाम से करीब 3.5 किमी पहले भैरव और कुबेर गदेरे में हिमस्खलन होने से पैदल मार्ग अवरुद्ध हो गया। डीडीएमए, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ, वाईएमएफ और पुलिस के जवानों को मार्ग से बर्फ हटाने में दो से तीन घंटे लग गए।
इस कारण सोनप्रयाग से यात्रियों का पहला जत्था सुबह 9:30 बजे रवाना किया गया। जबकि, आम दिनों में यहां से सुबह पांच बजे यात्रा शुरू हो जाती है। इस देरी के कारण सोनप्रयाग से दोपहर एक बजे के बजाय दो बजे तक यात्री केदारनाथ भेजे गए। इस बीच दोपहर 2:45 बजे कुबेर गदेरे में फिर हिमस्खलन होने से पैदल मार्ग पर बड़ी मात्रा में बर्फ आ गई।