
अमेरिका के एक निगरानी अधिकारी ने दावा किया कि कोविड-19 महामारी से राहत देने के नाम पर 200 अरब डॉलर का देश में घोटाला हुआ है। अमेरिकी लघु व्यवसाय प्रशासन (एसबीए) के महानिरीक्षक ने एक रिपोर्ट में कहा, इकॉनामिक इंजरी डिजास्टर लोन (ईआईडीएल) व पेचेक प्रोटेक्शन प्रोग्राम (पीपीपी) के तहत जल्दबाजी में धन वितरित किया गया, जिससे करीब 17 फीसदी रकम (200 अरब डॉलर) संभावित ठगों के हाथ लगी। एबीए ने इन दोनों कार्यक्रमों के तहत कुल 1200 अरब डॉलर वितरित किए थे।
एसबीए ने इसे धोखाधड़ी का मामला कहा, जिसे महानिरीक्षक ने बढ़ा-चढ़ाकर बताया है। एसबीए के मुताबिक असल में यह रकम करीब 36 अरब डॉलर है। एसबीए का यह भी दावा है कि धोखाधड़ी के 86 फीसदी मामले 2020 हुए, जब डोनाल्ड ट्रंप देश के राष्ट्रपति थे। वहीं, महानिरीक्षक ने रिपोर्ट में दावा किया है कि ईआईडीएल कार्यक्रम के तहत करीब 136 अरब डॉलर का घोटाला हुआ है, जबकि पीपीपी के तहत 64 अरब डॉलर की धोखाधड़ी हुई है।
मृतकों की सामाजिक सुरक्षा संख्या का किया इस्तेमाल
अमेरिकी न्याय विभाग ने कथित धोखाधड़ी की जांच के लिए संघीय अभियोजक केविन चैंबर्स को नियुक्त किया। सितंबर 2022 में अमेरिकी श्रम मंत्रालय के महानिरीक्षक ने कहा कि धोखेबाजों ने मृत व्यक्तियों की सामाजिक सुरक्षा संख्या का इस्तेमाल कर बेरोजगारी बीमा कार्यक्रम से 45.6 अरब डॉलर की धोखाधड़ी की है। हालांकि, किसी भी मामले में न तो जांच पूरी हुई है और न अभी किसी ने आरोपों को स्वीकार किया है। इसे लेकर कवायद है कि अधिकारी एक दूसरे के बचाव में जुटे हैं और सरकार ट्रंप के करीबियों पर सख्त है।