Monsoon : दिल्ली-UP में बदलेगा मौसम का मिजाज, हिमाचल और महाराष्ट्र में भारी बारिश का अनुमान

 देश में मानसून की दस्तक के बाद से ही केरल, महाराष्ट्र, हिमाचल और उत्तराखंड समेत कई राज्यों में लगातार भारी बारिश हो रही है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, लगभग पूरे देश में मानसून आगे बढ़ चुका है। सप्ताहांत के अंत तक दिल्ली, यूपी, बिहार और राजस्थान समेत कई राज्यों में भारी वर्षा होने का अनुमान है। इस साल चक्रवात बिपरजॉय के प्रवेश के कारण मानसून में थोड़ी देरी हुई, लेकिन पिछले हफ्ते इसने दक्षिण और पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों को कवर कर लिया। मानसून ने भीषण गर्मी से जूझ रहे मैदानी क्षेत्र के लोगों को राहत पहुंचाई है। हालांकि, पिछले सप्ताह शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने टमाटर की फसल को प्रभावित किया है, जिसके परिणामस्वरूप कीमत में वृद्धि हुई है।

मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, गुरुवार को शहर में बादल छाये रहने और हल्की बारिश होने की संभावना है। मौसम कार्यालय ने कहा कि न्यूनतम तापमान 27.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस रहेगा। राष्ट्रीय राजधानी में सुबह करीब साढ़े आठ बजे सापेक्षिक आर्द्रता 81 प्रतिशत दर्ज की गई। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सुबह 8:40 बजे के आसपास संतोषजनक (83) श्रेणी में दर्ज किया गया।

महाराष्ट्र के 6 जिलों में भारी बारिश का अनुमान

मौसम विभाग ने बुधवार शाम को ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी करते हुए महाराष्ट्र के छह जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि गुरुवार को कई जिलों में तीव्र बारिश होगी। जिसमें ठाणे, रायगढ़, पालघर (मुंबई से सटे तीनों), रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग और नासिक जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया। मुंबई में गुरुवार को केवल अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। आईएमडी ने शहर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।

हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश

हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में बुधवार को भी मध्यम से भारी बारिश जारी रही, जिससे भूस्खलन हुआ और राज्य भर में 100 से अधिक सड़कें बंद हो गईं। अधिकारियों ने कहा कि कम से कम 127 सड़कें बंद हैं, जिनमें से 90 के बुधवार रात तक खुलने की उम्मीद है। 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण संचयी नुकसान 219.29 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, जल शक्ति विभाग को सबसे अधिक 100.97 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, इसके बाद लोक निर्माण विभाग को 90.50 करोड़ रुपये और बागवानी विभाग को 26.22 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

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